ताज़ा खबरलोकसभा चुनाव 2024

RaeBareli Lok Sabha: 2009 में 72 फीसद वोट पाने वाली कांग्रेस का लगातार गिरता गया ग्राफ

2006 के बाई इलेक्शन में भी सोनिया गांधी को मिले थे 80.49 फीसद वोट, 2014 और 2019 के आम चुनाव में लगातार घटता रहा सोनिया गांधी का वोट बैंक

The live ink desk. उत्तर प्रदेश में यदि ‘कांग्रेस के गढ़’ के रूप में आजकल किसी क्षेत्र का नाम लिया जाता है तो उसमें प्रमुख रूप से रायबरेली (Rae Bareli) और दूसरा अमेठी (Amethi) है। रायबरेली से सोनिया गांधी पांच दफा जीतकर सदन में पहुंची तो अमेठी वासियों ने भी तीन बार कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी पर अपना प्यार उड़ेला।

अब तक 17 बार हो चुके लोकसभा चुनाव (General election) में रायबरेली सीट से एक बार जनता पार्टी और दो बार भारतीय जनता पार्टी को जीतने का मौका मिला, जबकि कुल 17 बार ही भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (Congress) को जीतने का मौका मिला। कांग्रेस की कुल 17 बार की जीत में तीन बाई इलेक्शन (उप चुनाव) भी शामिल है।

साल 2009 के आम चुनाव की बात करें तो रायबरेली (Rae Bareli) सीट से कांग्रेस से सोनिया गांधी, बसपा से आरएस कुशवाहा और भाजपा से आरबी सिंह ने चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में कुल 48.33 फीसद वोटिंग हुई थी, जिसमें सर्वाधिक 72.23 फीसद लोगों का मत पाकर सोनिया गांधी विजई हुई थी।

इस चुनाव में सोनिया गांधी के मत प्रतिशत में 8.26 फीसद और भाजपा प्रत्याशी आरबी सिंह के 0.49 प्रतिशत मतों का इजाफा (पिछले चुनाव के मुकाबले) हुआ था। अगर 2006 के उप चुनाव (कुल मतदानका 80.49 फीसद मत सोनिया गांधी को मिला था) को छोड़ दें तो 2009 में सोनिया गांधी को मिला मत सभी चुनावों में सबसे अधिक था।

2004 से 1014 तक केंद्र में कांग्रेस सत्ता में भी रही। इसके बाद साल 2014 में आम चुनाव हुए। भाजपा ने नरेंद्र मोदी को आगे किया और चुनाव लड़ा। इस चुनाव में रायबरेली (Rae Bareli) सीट से कांग्रेस ने सोनिया गांधी, भाजपा ने अजय अग्रवाल, बसपा ने प्रवेश सिंह को चुनाव मैदान में उतारा था। परिणाम में 63.80 फीसद मत पाकर सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) विजयी हुईं, जबकि कुल 21.05 फीसद मत पाकर भाजपा (BJP) दूसरे स्थान पर रही। इस चुनाव में कांग्रेस (Congress) जीती जरूर, पर उसका वोट बैंक घटा और भाजपा का बढ़ा। पिछले चुनाव के मुकाबले भाजपा को 8.43 फीसद कम वोट मिले, जबकि भाजपा का वोट बैंक 17.23 फीसद बढ़ा। यहां पर नुकसान बसपा (BSP) प्रत्याशी को उठाना पड़ा। पिछले चुनाव के मुकाबले 2014 के चुनाव में बसपा के वोट बैंक में 8.69 फीसद की कमी आई।

2014 में भाजपा देशभर में अग्रणी पार्टी बनकर उभरी और कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया। भाजपा को सरकार बनाने का मौका मिला। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अगुवाई में ही 2019 का चुनाव हुआ। इस चुनाव में भी कांग्रेस को मुंह की खानी पड़ी। बावजूद इसके कांग्रेस अपनी पुश्तैनी रायबरेली की सीट को बचाए रखने में कामयाब रही। 2019 के आम चुनाव में कांग्रेस को यहां से कुल 55.80 फीसद मतों के जीत तो मिली, लेकिन पिछले चुनावों के मुकाबले इस बार भी उसके मत प्रतिशत में आठ प्रतिशत की कमी आ गई।

दूसरी मोदी लहर में हुए आम चुनाव में सोनिया गांधी के मुकाबले में रहे भाजपा के दिनेश प्रताप सिंह को कुल 38.36 प्रतिशत मत (3,67,740 मत) मिले थे। यह पिछले चुनाव के मुकाबले काफी फायदेमंद रहा और एक बार फिर से भाजपा के वोट प्रतिशत में इजाफा हुआ। 2014 के मुकाबले भाजपा को रायबरेली से 2019 में 17.31 फीसद ज्यादा वोट मिले।

2014 में लड़े जा रहे लोकसभा चुनाव से पहले ही सोनिया गांधी ने रायबरेली को अलविदा कह दिया और वह राज्यसभा चली गईं। ऐसे में अमेठी के साथ-साथ रायबरेली की सीट भी राजनीतिक गलियारे में चर्चा का विषय रही। हालांकि, नामांकन के आखिरी दिन राहुल गांधी ने यहां से नामांकन करके अपनी उपस्थिति दर्ज करा दी है। राहुल गांधी के नामांकन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि फूलपुर और अमेठी की तरह रायबरेली को अभी भुलाया नहीं जा रहा।

इस चुनाव में राहुल गांधी के मुकाबले में भाजपा (BJP) ने दिनेश प्रताप सिंह को उतारा है। जिन्हे 2019 के चुनाव में इसी सीट पर 3,67,740 मत प्राप्त हुआ था। जबकि बहुजन समाज पार्टी ने ठाकुर प्रसाद यादव को प्रत्याशी बनाया है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button