ताज़ा खबर

संगम में विसर्जित की गईं ‘धरतीपुत्र’ की अस्थियां, संगमतट पर उमड़ी चाहने वालों की भीड़

प्रयागराज (आलोक गुप्ता). पूर्व रक्षा मंत्री और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की अस्थियां आज संगम में विलीन हो गईं। पुत्र अखिलेश यादव ने संगम तट पर वैदिक कर्मकांड के साथ अस्थियां जल में प्रवाहित की। इस दौरान संगम तट पर मुलायम सिहं यादव को श्रद्धासुमन अर्पित करने के लिए संगम तट लोगों की भीड़ से पटा रहा। ‘मुलायम सिंह अमर रहें और जिसका नाम मुलायम है, उसका जलवा कायम है, जैसे नारे भी लगते रहे। अस्थि विसर्जन के दौरान तमाम सपाई नेता, पदाधिकारी और कार्यकर्ता भी मौजूद रहे।

Read Also: Mulayam Singh Yadav: आठ बार MLA और सात बार बने MP, पीएम बनते-बनते रह गए

मंगलवार को अस्थि विसर्जन का कार्यक्रम फाइनल होने के बाद जिला प्रशासन व सपाइयों ने आयोजन की तैयारी शुरू कर दी थी। अस्थि विसर्जन के लिए आज संगम पर फ्लोटिंग बाक्स के जरिए मंच बनाया गया था। इसके अलावा पूरे क्षेत्र की बैरीकेडिंग की गई थी। अखिलेश यादव को 11 बजे सैफई से चलकर 11.40 बजे प्रयागराज एयरपोर्ट पहुंचना था, लेकिन उनका निजी विमान 1:10 बजे बमरौली एयरपोर्ट पर लैंड हुआ।

Read Also: सऊदी अरब ने American Citizen अलमादी को सुनाई 16 साल की सजा

इसके बाद सड़क मार्ग से अखिलेश यादव संगम तट पर पहुंचे। यहां पर जैसे ही मुलायम की अस्थियों के साथ अखिलेश यादव की झलक लोगों को दिखी, समर्थकों ने मुलायम सिंह अमर रहे का नारा लगाना शुरू कर दिया। अस्थि विसर्जन के मौके पर उमड़ी भीड़ देख पुलिस के भी पसीने छूट गए।

अस्थि विसर्जन के लिए वीवीआईपी घाट पर पार्टी के जिलाध्यक्ष योगेशचंद्र यादव को छोड़ किसी अन्य नेता को प्रवेश नहीं दिया गया। इसके बाद अखिलेश यादव ने अपने चाचा शिवपाल यादव, भाई प्रतीक यादव, धर्मेंद्र यादव आदि के साथ अस्थि विसर्जन किया।

Read Also: वाराणसी-लखनऊ हाईवे पर डिवाइडर से भिड़ी बोलेरो, दो की मौत

संगम घाट पर बनाए गए अस्थि विसर्जन स्थल पर सुरक्षा के मद्देनजर सपा जिलाध्यक्ष के अलावा किसी भी बड़े नेता को प्रवेश नहीं दिया गया। श्रद्धासुमन अर्पित करने केलिए संगम तट पहुंचे सपा के विधायकों को भी बाहर रोक दिया गया। प्रयागराज के दिग्गज सपा नेता कुंवर रेवतीरमण सिंह भी संगमतट पर पहुंचे, लेकिन सुरक्षा को देखते हुए गाड़ी में ही बैठे रहे। बताते चलें कि मुलायम सिंह यादव का देहावसान 10 अक्तूबर को मेदांता गुरुग्राम में हुआ था। इसके अगले दिन दाह संस्कार सैफई में किया गया, जिसमें देश के कोने-कोने से दिग्गज नेताओं ने पहुंचकर शोक व्यक्त किया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button