बीते पांच दिन में बिहार के सारण में छह दर्जन से अधिक लोगों की हो चुकी है मौत
स्थानीय प्रशासन के दावों और असलियत में हो रही मौतों के आंकड़ों में भारी अंतर
पटना (the live ink desk). शराबबंदी वाले स्टेट बिहार में शराब से होने वाली मौतों का आंकड़ा चौंकाने वाला है। पिछले पांच दिन से लगातार सारण में जहरीली शराब के सेवन से लोगों की मौतें हो रही हैं। एक अनुमान के मुताबिक यहां अब तक छह दर्जन से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि स्थानीय प्रशासन इस आंकड़े को पूरी तरह से नकार रहा है। प्रशासनिक आंकड़ा सिर्फ 34 मौतों की ही पुष्टि कर रहा है। सारण में जहरीली शराब से होने वाले मौतों के आंकड़े में भले ही भारी अंतर हो, लेकिन सरकारी आंकड़े के मुताबिक 34 लोगों का शराब के सेवन से काल-कवलित होना बिहार में शराबबंदी के मुंह पर किसी तमाचे से कम नहीं है।
बिहार के छपरा, नालंदा, सिवान, बेगूसराय में भी जहरीली शराब के सेवन से मौतें हुई हैं। सरकारी और गैर सरकारी मौतों के आंकडे में भारी अंतर इसलिए है, क्योंकि शराबबंदी वाले स्टेट में कानूनी पचड़े से बचने के लिए अधिकांश लोगों ने शवों का अंतिम संस्कार बिना पोस्टमार्टम के ही कर दिया।
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जहरीली शराब से होने वाली मौतों को लेकर विधानसभा में भी जोरदार हंगामा हुआ है। सीएम नीतीश कुमार ने शुक्रवार को विधानसभा में कहा था कि वह लोगों को शराब पीने के नुकसान के बारे में बताने के लिए पूरे प्रदेश में जागरुकता यात्रा निकाली जाएगी और लोगों को जागरुक किया जाएगा। दूसरी तरफ राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने जहरीली शराब से होने वाली मौतों की जांच के लिए जांच कमेटी बनाने की बात कही है।
बिहार में अप्रैल 2016 में शराबबंदी की घोषणा की गई थी। उसके बाद से अब तक शराब के सेवन से लगातार होने वाली मौतों की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। शराबबंदी के बाद से बिहार में पांच वर्षों के दौरान जहरीली शराब से 200 से अधिक लोगों की मौत हुई हैं। जबकि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के पास सिर्फ 23 लोगों की मौत की जानकारी है।
इसके अलावा गोपालगंज जनपद में वर्ष 2016 में जहरीली शराब पीने से 19 लोगों की मौत हुई थी। यहां भी प्रदेश सरकार की तरफ से सिर्फ छह मौतें दिखाई गई थीं। बिहार में जहरीली शराब से मौत की कम से कम 20 घटनाएं सामने आई हैं और 200 से अधिक लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। मीडिया में आई रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2021 में ही जहरीली शराब के नौ मामलों में 106 लोगों की मौत हुई थी।