राजस्थान में दलित छात्र की हत्या के विरोध में अधिवक्ताओं का कैंडल मार्च
हत्यारोपियों को फांसी देने की उठाई मांग, स्कूल में मटके का पानी छूने पर की गई थी दलित छात्र की पिटाई
वाराणसी (the live ink desk). राजस्थान के जालौर में शिक्षक द्वारा की गई पिटाई से छात्र इंद्र कुमार मेघवाल की मौत के प्रकरण में वाराणसी के अधिवक्ताओं ने खासा रोष जाहिर किया है। अधिवक्ताओं ने कहा कि एक निजी विद्यालय के छात्र का कुसूर सिर्फ इतना था कि उसने स्कूल में रखा मटके का पानी छू लिया था। छात्र की मौत के खिलाफ अधिवक्ताओं ने कैंडल जुलूस निकालकर उक्त प्रकरण सख्त और त्वरित कार्यवाही की मांग उठाई है।
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वाराणसी कचहरी के आक्रोशित अधिवक्ताओं ने गेट नंबर तीन पर इकट्ठा होकर दलित छात्र इंद्र कुमार मेघवाल की हत्या की निंदा की। मृतक छात्र की फोटो के साथ अधिवक्ताओं ने कैंडल जुलूस भी निकाला। अधिवक्ताओं ने गेट नंबर तीन से गोलघर चौराहे होते हुए अंबेडकर पार्क तक मौन जुलूस निकाला। अधिवक्ता अपने हाथों में तख्तियां भी ली थी, जिस पर हत्यारों को फांसी दिए जाने की मांग की गई थी। इस दौरान अधिवक्ताओं ने सख्त कार्यवाही की मांग को लेकर जोरदार तरीके से आवाज बुलंद की।
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विरोध मार्च में राजेश प्रजापति, सैयद अफाक हुसैन शान, सुरेंद्र कुमार, मोहम्मद साहिल अहमद, सुभाष प्रसाद पटेल, अनूप कुमार, रमेश चंद्र शास्त्री, मुकुंद कुमार कश्यप, अशोक कुमार, राजेंद्र सोनकर, सुशील कुमार मौर्य ,चंदन, विनोद कुमार, अरविंद कुमार, रमाशंकर सिंह, अशोक सिंह, राजेश कुमार भारती, प्रभात सिंह, अरविंद कुमार पांडेय, राहुल चौधरी, संदीप मौर्य, सत्य प्रकाश सिंह, राजेश कुमार सिंह, अशोक कुमार उपाध्याय, रामप्रवेश सिंह इत्यादि अधिवक्ता थे। मौन जुलूस का नेतृत्व वरिष्ठ अधिवक्ता रामदुलार व नित्यानंद राय ने किया।
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