लखनऊ (the live ink desk). उमेशपाल हत्याकांड के बाद अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन के महापौर का चुनाव लड़ने को लेकर लगाई जा रहीं अटकलों पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने पूरी तरह से विराम लगा दिया है। हालांकि माफिया अतीक अहमद की पत्नी का चुनाव लड़ना वैसे भी मुमकिन नहीं था, क्योंकि पिछले कई दिनों से वह फरार चल रही हैं और यूपी पुलिस की फाइल में 50 हजार की इनामिया हैं।
सोमवार को बहुजन समाज पार्टी के कार्यालय में पत्रकारों से मुखातिब मायावती ने कहा कि, मैं स्पष्ट करना चाहती हूं कि पिछले दिनों प्रयागराज में हुई उमेशपाल की हत्या को लेकर मीडिया के जरिए जो भी तथ्य सामने आए हैं, इस घटना में अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन का नाम आने और उनके फरार होने के बाद से अब स्थिति बदल गई है। अब हमारी पार्टी न तो अतीक की पत्नी और न ही उनके परिवार के किसी सदस्य को मेयर का टिकट देगी।
मायावती ने आगे कहा कि जहां तक शाइस्ता परवीन को पार्टी में रखने का सवाल है, उसके गिरफ्त में आते ही जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसी समय इसका फैसला भी कर लिया जाएगा। मायावती ने कहा कि बहुजन समाज पार्टी कानून से ऊपर नहीं है। हम कानून का पूरा सम्मान करते हैं।
निकाय चुनाव की दुंदुभी बजने के बाद मीडिया से मुखातिब हो रहीं मायावती ने कहा कि नगर निकाय चुनाव का हम स्वागत करते हैं। प्रदेश सरकार व चुनाव में संलग्न अधिकारियों से अपील है कि वह चुनाव ईवीएम से न कराकर बैलट पेपर से करवाएं। बसपा इस चुनाव में पूरी दमदारी के साथ लड़ेगी। सरकार से गुजारिश है कि वह चुनाव पूरी तरह से निष्पक्ष करवाए ताकि सही लोग चुनकर आएं।
मायावती ने कहा कि बसपा एक ऐसी पार्टी है जो बाबा साहेब के पदचिन्हों पर चलकर निचले वर्ग के लोगों का विकास करती है। निकाय चुनाव में एससीएसटी, ओबीसी और महिलाओं के आरक्षण की जो बात कही गई है, उससे यह लोग संतुष्ट नहीं हैं, क्योंकि आरक्षण की तमाम नीतियों को दरकिनार कर दिया गया है। यहां के गरीब के लिए विभिन्न योजनाओं में भी भाजपा कटौती कर रही है। दलितों, पिछड़ों को किसी भी तरह के दबाव में आने की आवश्यकता नहीं है।