शपथ आयुक्त की नियुक्ति न होने से मेजा और करछना जाना मजबूरी। कोरांव में रोजाना दर्जनों की संख्या में बनवाए जाते हैं शपथ प्रमाणपत्र
प्रयागराज (राहुल सिंह). तहसील मुख्यालयों पर ढेर सारी सुविधाओं को डिजिटल कर दिया गया है। स्टांप भी डिजिटल मिल रहा है। पर, कोरांव तहसील में एक अदद नोटरी के लिए लोगों को कभी लालगंज (मिर्जापुर) तो कभी मेजा व करछना तहसील का चक्कर लगाना पड़ रहा है।
276 राजस्व ग्रामों वाली कोरांव तहसील में कम से कम तीन शपथ आयुक्त की नियुक्ति होनी चाहिए, जो कि छोटे-बड़े कार्यों में लगने वाले शपथ प्रमाणपत्र को जारी कर सकें, लेकिन कोरांव तहसील में एक भी शपथ आयुक्त की नियुक्ति नहीं है। इस तहसील में मोटे तौर पर 400 से अधिक अधिवक्ता प्रैक्टिस करते हैं।
कोरांव तहसील मुख्यालय जनपद के सुदूरवर्ती तहसीलों में गिनी जाती है। यहां एक भी शपथ आयुक्त के नहीँ होने से लोगों को नोटरी करवाने के लिए अन्य तहसीलों का चक्करलगान पड़ता है, जिसमें न सिर्फ समय और श्रम, बल्कि पैसा भी जाया जाता है। कभी समय पर शपथपत्र नहीं मिल पाता।
विंध्य की तलहटी में बसे कोरांव क्षेत्र का दायरा काफी बड़ा है। ऐसे में यदि दूरदराज गांवके किसी व्यक्ति को शपथपत्र बनवाना हो तो पहले वह कोरांव तहसील आए, फिर मेजा (20 किमी), करछना (35 किमी) या लालगंज तहसील (पड़ोसी जनपद मिर्जापुर) का चक्कर लगाए। तब जाकर उसे शपथपत्र मिल पाता है।
स्थानीय अधिवक्ताओं का कहना हैकि कुछ माह पहले तक यहां पर शपथ आयुक्त दिनेश कुमार सिंह नोटरी करते थे, हालांकि उनकी तैनाती यहां नहीं थी, लेकिन किन्ही कारणों से उन्होंने स्थानीय स्तर पर नोटरी का कार्य बंद करदिया, इस वजह से लोगों की समस्या बढ़ गई।
अब लालगंज, मेजा और करछना जाना मजबूरी बन गई है। आवश्यकता के अनुसार इस पर खर्च भी अलग-अलग होता है। फिर भी यदि सामान्य शपथपत्र की बात करें तो सामान्यतया यह 50 रुपये में बन जाना चाहिए, लेकिन इसी के लिए अब लोगों को कभी 300 तो कभी 500 रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं।
डीएम, बार काउंसिल से किया गया पत्राचार
बार एसोसिएशन अध्यक्ष अरुण कुमार तिवारी ने बताया कि शपथ आयुक्त के नहीं होने से खासी दिक्कतें हो रहीहैं। जिलाधिकारी और बार काउंसिल को चिट्ठी लिखी गई है। दो साल से दिक्कत बनी हुई है। गौरतलब है कि तहसील मुख्यालयों पर शपथ आयुक्त की नियुक्ति राज्यपाल की संस्तुति पर जिलाधिकारी के द्वारा की जाती है। कोरांव में कम से कम तीन शपथ आयुक्तहोने चाहिए।