देश के विकास में महिलाओं की भूमिका महत्वपूर्णः आनंदी बेन पटेल
ज्वाला देवी इंटर कालेज में राज्यपाल ने तीन दिवसीय अखिल भारतीय संस्कृति महोत्सव का किया औपचारिक उद्घाटन
बच्चों में संस्कृति एवं संस्कार को विकसित करने में विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान का प्रयास सराहनीय
प्रयागराज (आलोक गुप्ता). राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शनिवार को ज्वालादेवी इंटर कालेज में विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान द्वारा आयोजित तीन दिवसीय अखिल भारतीय संस्कृति महोत्सव का औपचारिक उद्घाटन किया। राज्यपाल ने कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती का वंदन करते हुए दीप प्रज्ज्वलन कर किया। राज्यपाल ने कहा कि अखिल भारतीय संस्कृति महोत्सव में आप सभी के मध्य पहुंचकर मुझे अपार प्रसन्नता का अनुभव हो रहा है। मुझे खुशी है कि भारतीय संस्कृति के गौरव से नई पीढ़ी को परिचित कराने के लिए विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान हर वर्ष विद्यालय स्तर से लेकर अखिल भारतीय स्तर तक चार वर्गों में संस्कृति ज्ञान प्रश्न मंच का आयोजन करता है।
यह भी पढ़ेंः National Lok Adalat: प्रयागराज में 145379 वादों का निस्तारण
यह भी पढ़ेंः BHADOHI: डेंगू से बचाव को खेत-खलिहानों में भी करवाई गई फागिंग
उन्होंने कहा कि विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान ने 22 लाख से ज्यादा बच्चों को राष्ट्र निर्माण के लिए तैयार करने का बीड़ा उठाया है। उन्होंने कहा कि बच्चों को प्राइमरी स्कूल से ही योग शिक्षा, संस्कृति का ज्ञान दिया जाना चाहिए। बच्चों के विकास के लिए उनको अच्छे संस्कार दिए जाने चाहिए। राज्यपाल ने कहा, बच्चों में कोई न कोई प्रतिभा होती है। इस तरह के प्रोग्राम के माध्यम से बच्चों के अंदर छिपी उनकी प्रतिभाओं को और निखारा जा सकता है। उन्होंने कहा कि विद्या भारती के विद्यालयों में अनुशासन होता है, यहां पर बहुत ही सुंदर प्रार्थना कराई जाती है, जिससे बच्चों में अनुशासन के साथ ही अपनी संस्कृति के प्रति प्रेमभावना जागृत होती है।
राज्यपाल ने कहा, नई शिक्षा नीति इक्कीसवीं सदी के भारत की नींव तैयार करने वाली है। इस नीति की सबसे बड़ी विशेषता एक मजबूत अनुसंधान संस्कृति को बढ़ावा देना है। कहा, जब वे गुजराज की शिक्षा मंत्री थीं, तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वहां के मुख्यमंत्री थे। उन्होंने प्राइमरी स्कूलों से ही बच्चों को योग की शिक्षा देने को कहा। उस समय हमारे पास योग से प्रशिक्षित टीचरों की कमी थी। हमने विद्या भारती से टीचरों की ट्रेनिंग कराकर प्राइमरी स्कूलों में योग की शिक्षा देना शुरू कराया।
यह भी पढ़ेंः दोपहिया चलाते समय हेलमेट और कार चलाते समय सीटबेल्ट जरूर लगाएं
यह भी पढ़ेंः जागरुकता कार्यक्रम: सभी रोगों की एक दवाई, घर में रखो साफ-सफाई
उन्होंने कहा बच्चों के ज्ञानवर्धन के लिए पुस्तकालय बहुत ही आवश्यक है। पुस्तकालयों में भारत की आजादी से संबंधित पुस्तकों को रखा जाए, जिससे कि हमारी युवा पीढ़ी को इस बात की जानकारी हो कि भारत को आजाद कराने में किन महापुरूषों का क्या योगदान रहा था, साथ ही आजादी से संबंधित नाटकों को तैयार कर बच्चों को अवश्य दिखाया जाना चाहिए, जिससे आज की युवा पीढ़ी चरित्रवान, देशप्रेमी और देश को आगे ले जाने वाली बने। कहा कि प्रधानमंत्री का यह मानना है कि जब तक महिलाएं आगे नहीं बढ़ेंगी, तक तक देश की उन्नति संभव नहीं है। मुझे बहुत प्रसन्नता है कि स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिलाएं स्वावलंबी बन रही हैं और देश को विकास के पथ पर आगे ले जाने में अपना योगदान दे रही है। आज महिलाएं समर्थवान होकर अपना घर चला रही है साथ ही अपने बेटे-बेटियों को भी आगे बढ़ने के लिए सही प्रशिक्षण प्रदान कर रही है।
इस अवसर पर महापौर अभिलाषा गुप्ता नंदी, विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान कुरूक्षेत्र के अध्यक्ष यतींद्र सहित अन्य लोगों ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम में विद्या भारतीय अखिल भारती शिक्षा संस्थान के सह संगठन मंत्री डा. ललित बिहारी गोस्वामी, जिला पंचायत अध्यक्ष डा. वीके सिंह, विधायक हर्षवर्धन वाजपेयी, सिद्धार्थनाथ सिंह, पीयूष रंजन निषाद आदि मौजूद थे।