Allahabad University violence: विवेकानंद पाठक सहित आठ छात्रों के खिलाफ एफआईआर
छात्रनेता विवेकानंद पाठक की तहरीर पर भी 43 सुरक्षाकर्मियों के खिलाफ दर्ज किया गया मामला
प्रयागराज (आलोक गुप्ता). सोमवार को दूसरे पहर इलाहाबाद विश्वविद्यालय (Allahabad University) हुई हिंसा (violence) के प्रकरण में कर्नलगंज पुलिस ने दोनों पक्षों की तहरीर पर केस दर्ज कर लिया है। रात के दूसरे पहर कर्नलगंज पुलिस ने इविवि के एजी प्रभाकर सिंह की तरफ से तहरीर उपलब्ध कराई गई है। उक्त तहरीर के आधार पर पुलिस ने धारा 147, 323, 336, 427, 435, 504, 392 के तहत आठ लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। इसमें विवेकानंद पाठक, राहुल पटेल, अजय सम्राट, अभिषेक यादव, नवनीत सिंह, हरेंद्र यादव, आयुष प्रियदर्शी और सत्यम कुशवाहा को आरोपी बनाया गया है।
इविवि की तरफ से पुलिस को दी गई तहरीर के मुताबिक विवि के सुरक्षा कर्मी सीनेंट कैंपस में ड्यूटी पर तैनात थे। 19 दिसंबर को दोपहर दो बजे छात्र नेता विवेकानंद पाठक वहां पहुंचे और गार्डों से गेट खोलने को कहा। इस पर सुरक्षागार्ड प्रभाकर सिंह ने कहा, छोटे गेट से आ जाओ। बड़ा गेट खोलने का आदेश नहीं है। इस पर प्राक्टर और सुरक्षा अधिकारी के लिए अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए गार्ड से हाथापाई की और मोबाइल छीन लिया। इस दौरान मौके पर भीड़ जमा हो गई और तमाम छात्र एकत्र होकर नारेबाजी करने लगे।
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इस दौरान जब इविवि के सुरक्षा कर्मियोंने अपना बचाव किया तो छात्रों की भीड़ ने पथराव कर दिया। इसके बाद मौके पर तमाम छात्र एकत्र हो गए और 4-5 वाहनों को आग के हवाले कर दिया। इसके अलावा दर्जनभर दो पहिया व चार पहिया वाहनों में तोड़फोड़ की। छात्रों के हमले में कई सुरक्षा कर्मी घायल हुए हैं।
दूसरी तरफ छात्र नेता विवेकानंद पाठक ने भी इलाहाबाद विश्वविद्यालय के 43 गार्डों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में केस दर्ज करवाया है। आरोपित है कि सुरक्षा गार्डों ने छात्रों की पिटाई की। इसमें आठ छात्र घायल हुए हैं। छात्रनेता की तरफ से की गई शिकायत मेंब ताया गया है कि वह यूनियन हाल के पास स्थित एसबीआई की शाखा में जा रहे थे। इसी दौरान गार्डों ने उन्हे अंदर जाने से रोक दिया। इसे लेकर नोकझोंक हुई तो एक शिक्षक के हस्तक्षेप पर मामला शांत हो गया।
आरोपित है कि इसके बाद भारी संख्या में गार्डों ने छात्रों पर हमला कर दिया और पिटाई कर दी। इसकी जानकारी होने पर मौके पर छात्रों का हुजूम लग गया। गाड़ियों और भवनों की खिड़कियों पर पथराव,वाहनों में आगजनी के बाद हालात पूरी तरह से बिगड़ गए, जिसे शांत करने में पुलिस और प्रशासनिक अमला रातभर लगा रहा।