अवध

सांवरी सूरत पे मोहन दिल दिवाना हो गया…, ‘गाथा’ में बही भक्ति की बयार

प्रयागराज (आलोक गुप्ता). उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (एनसीजेडसीसी) के प्रेक्षागृह में शनिवार की शाम लोककलाकारों ने नृत्य, कला और संगीत की ऐसी महफिल सजाई कि दर्शक दीर्घा में बैठे लोग मंत्रमुग्ध हो गए। लोक धुनों से सजे लोकगीत मनभावन तो होते ही हैं, साथ ही उद्देश्य परक भी होते है। अपनी बात, दर्द और पीड़ा को अल्फाज देने का सबसे बेहतरीन माध्यम लोकगीत होते हैं। इसकी खूबसूरत बानगी शनिवार शाम उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र में उस समय देखने को मिली जब स्वर्ग रंगमंडल के लोक कलाकारों ने ‘गाथा’ कार्यक्रम की मनभावन प्रस्तुति से दर्शकों का मन मोह लिया।

गाथा में गीतों का चयन इस खूबसूरती से किया गया कि बगैर किसी लाग लपेट के दर्शकों की निरंतर तालियां कार्यक्रम की सफलता का बयान करती रहीं। लोकगीतों की कर्णप्रिय ध्वनियों और समापन में होली गीत- साँवरी सूरत पर मोहन दिल दिवाना हो गया… पर लोकनृत्य की सप्तरंगी छटा दर्शकों को लुभाती रही।

स्वर्ग रंगमंडल द्वारा ‘गाथा’ के तहत प्रस्तुत लोकगीतों की सुमधुर प्रस्तुति ने प्रेक्षागृह में आए कला रसिकों एवं सुधिजनों के हृदय के तारों को झंकृत किया, साथ ही लोकगीतों की धुनों पर भावों से सराबोर कर देने वाले लोकनृत्यों ने भी कार्यक्रम में समा बांध दिया।

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प्रस्तुति की शुरूआत देवी गीत के साथ करते हुए कलाकारों ने विभिन्न अवसरों पर गाए जाने वाले पारंपरिक लोकगीतों में गंगा गीत, पराती गीत, चैती, कजरी, बसंत गीत होली गीतों के साथ कृष्ण के संग हंसी ठिठोली के साथ ही उनके मोहक रंग-रूप के रूपक प्रेम गीत की रसधार से सभी को मोहित किया।

कार्यक्रम का संचालन कृष्ण कुमार मौर्य ने बड़े ही सहज और सधे अंदाज में किया। कार्यक्रम संयोजन शिव प्रकाश सरस्वती का रहा। ‘गाथा’ कार्यक्रम की रूपरेखा एवं निर्देशन लोक नाट्य विद अतुल यदुवंशी ने किया। प्रस्तुति में प्रिया मिश्रा, शिल्पी यदुवंशी, श्रद्धा देशपांडे,  शिवानी कश्यप, अनन्या मोहिले, शांता सिंह सहित नीरज अग्रवाल, धीरज अग्रवाल, सचिन केसरवानी, मनोज कुमार, संदीप शुक्ला, आर्यन मोहिले एवं शुभम श्रीवास्तव ने स्वर प्रदान किया। लोकनृत्य का निर्देशन प्रिया मिश्रा ने किया, जिसमें जूही दुबे, सरगम लता, तुन सोनकर आदि ने मंच पर प्रस्तुति दी।

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