अवध

मकर संक्रांतिः संगम तट पर लगने लगी आस्था की डुबकी, उदया तिथि का स्नान कल

प्रयागराज (आलोक गुप्ता). ‘माघ मकरगत रबि जब होई। तीरथपतिहिं आव सब कोई।। देव दनुज किंनर नर श्रेनीं। सादर मज्जहिं सकल त्रिबेनीं।।’ अर्थात माघ मास में जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं, तब सब लोग तीर्थराज प्रयाग को आते हैं। देवता, दैत्य, किन्नर और मनुष्यों के समूह, सब त्रिवेणी (संगम) में स्नान करते हैं।

हालांकि, धरा को ऊर्जा और तेज प्रदान करने वाले सूर्यदेव के मकर राशि में प्रवेश करने में अभी कुछ घंटों का समय शेष है। इसके पहले ही संगम तट पर आस्थावानों का रेला उमड़ पड़ा है। शनिवार को भोर से ही गंगा और संगम में श्रद्धालुओं का स्नान शुरू हो गया है। हर-हर गंगे, हर-हर महादेव और जय गंगा मइया के उद्घोष से पूरा मेला क्षेत्र गुंजायमान हो रहा है।

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माघ मेला क्षेत्र में स्नान के लिए 16 घाट बनाए गए हैं। स्नान घाटों की बैरीकेडिंग के साथ-साथ सुरक्षा के लिहाज से जल पुलिस द्वारा 50 मोटर बोट की व्यवस्था की गई है। इसके अतिरिक्त 100 नावों को भी लगाया गया है। जो प्रत्येक घाट पर स्नान की गतिविधियों पर नजर रखे हुए हैं। माघ मेले के दूसरे प्रमुख स्नान पर्व मकर संक्रांति पर स्नान के लिए 13 जनवरी से ही मेला क्षेत्र में भीड़ जुटने लगी है।

देश के कोने-कोने से संगम तट पर श्रद्धालुओं का आगमन अनवरत जारी है। पंडित त्रियुगीकांत मिश्र ने बताया कि भगवान भाष्कर 14 जनवरी की रात तकरीबन पौने नौ बजे मकर राशि में प्रवेश करेंगे। लिहाजा मकर संक्रांति का स्नान पर्व (उदया तिथि के अनुसार) कल मनाया जाएगा। रात के समय माघ मेले की रंगत देखते बन रही है। झूंसी के शास्त्री ब्रिज और नैनी के नया यमुना पुल से निहारने पर ऐसा प्रतीत होता है, जैसे आसमान से हजारों तारे जमीं पर उतर आए हों।

मकर संक्रांति के पर्व को सकुशल संपन्न कराने के लिए माघ मेला प्राधिकरण के साथ-साथ जिला प्रशासन पूरी तरह से सक्रिय है। माघ मेला के सभी प्रवेश द्वारों पर सुरक्षा के कडे बंदोबस्त किए गए हैं।

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ड्रोन और सीसीटीवी से रखी जा रही नजरः शहर में आने वाले सभी प्रमुख मार्गों पर 12 जनवरी की आधी रात से ही भारी वाहनों का प्रवेश रोक दिया गया है। इसके अलावा पूरा प्रशासनिक अमला पल-पल की अपडेट ले रहा है। मकर संक्रांति पर आने वाली संभावित भीड़ के मद्देजनर शहर में 14 स्थानों पर होल्डिंग एरिया डेवलप किया गया है। प्रवेश द्वार व स्नान घाटों पर कोविड हेल्प डेस्क की स्थापना की गई है। इमरजेंसी मेडिकल सपोर्ट के लिए 30 एंबुलेंस को निर्धारित स्थलों पर तैनात किया गया है। जबकि आग से बचाव को 14 फायर स्टेशन भी सक्रिय हैं। इसके अतिरिक्त 5000 सुरक्षाकर्मियों, 10 कंपनी पीएसी को तैनात किया गया है। सीसीटीवी कैमरे से पूरे मेला क्षेत्र पर कंट्रोलरूम के द्वारा नजर रखी जा रही है। भीड़ को मैनेज करने के लिए ड्रोन भी सहारा लिया जा रहा है।

जिलाधिकारी ने किया जंक्शन का निरीक्षणः जिलाधिकारी संजय कुमार खत्री ने बीती देर शाम प्रयागराज जंक्शन पर स्पेशल ट्रेनों की जानकारी लेते हुए अन्य व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया, साथ ही आवश्यक व्यवस्था दुरुस्त करने का निर्देश दिया। मकर संक्रांति पर यदि भीड़ बढ़ती है तो यहां पर पहले से मौजूद चार होल्डिंग एरिया को सक्रिय कर दिया जाएगा। स्नानार्थियों के लिए बनाए गए स्थाई होल्डिंग एरिया में रोशनी, पेयजल, शौचालय समेत अन्य व्यवस्थाओं को दुरुस्त रखने का निर्देश दिया गया है। इस दौरान जिलाधिकारी ने पार्किंग स्थल, बाहर से आने वाली ट्रेनों के आने-जाने की जानकारी सार्वजनिक जगहों पर उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया है। जिलाधिकारी ने जंक्शन के साथ-साथ अन्य होल्डिंग एरिया का विजिट कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिया।

राशि के अनुसार संक्रांति पर करें दान-पुण्यः पंडित त्रियुगीकांत मिश्र ने बताया कि मकर संक्रांति पर तिल-गुड़, गर्म कपड़ा जैसी वस्तुओं के दान का बड़ा महत्व है। पंडित त्रियुगीकांत ने बताया कि मकर संक्रांति के मौके पर राशि के अनुसार दान-पुण्य करने पर इसका फल कई गुना बढ़ जाता है। बताया कि मेष राशि के जातक गरीबों को तिल का दान करें। इसी तरह वृषभ राशि के जातक ऊनी वस्त्र, मिथुन वाले अन्न और कर्क राशि के लोग ऊनी वस्त्र, तिल, साबुन का दान करें। इसी तरह सिंह राशि के जातक तिल और कंबल, कन्या राशि वाले उड़द की दाल व तिल, तुला राशि के लोग तिल, तेल का दान करें। इसी तरह वृश्चिक राशि वाले खिचड़ी, धनु राशि के लोग चने की दाल, खिचड़ी, मकर राशि के लोग ऊनी वस्त्र, कंबल, पुस्तक, कुंभ राशि वाले अपनी क्षमता के अनुसार किसी भी वस्तु का और मीन राशि के जातक चने की दाल और अन्न दान करें।

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