अवध

35 बरस बाद दबंगों के चंगुल से मुक्त हुआ चकमार्ग, लेखपाल ने डलवाई मिट्टी

प्रयागराज (राहुल सिंह). चकमार्ग, खलिहान, तालाब इत्यादि पर कब्जे कैसे किए जाते हैं और इसकी शिकायत सालों तक कैसे एक दफ्तर से दूसरे दफ्तर के बीच टलहती रहती है, इसकी बानगी कोरांव क्षेत्र में देखने को मिली। जहां पर दस मई, 2023 को एक चकमार्ग को खाली करवाया गया। लेखपाल ने बताया कि इस चकमार्ग पर बीते 35 वर्ष से कुछ लोगों ने कब्जा कर रखा था और उस पर खेती जा रही थी। फिलहाल, चकमार्ग के खाली होने और उसे आवागमन के लायक बनाए जाने पर ग्रामीण खुश हो गए हैं।

चकमार्ग पर कब्जे का यह मामला कोरांव तहसील क्षेत्र के ग्राम राजापुर का है। राजापुर के रहने वाले बाल मुकुंद व अन्य के द्वरा काफी समय से गांव के चकमार्ग संख्या 403 पर कब्जे की शिकायत की जा रही थी। इस शिकायत के निस्तारण के लिए तहसील प्रशासन से राजस्व व पुलिस कर्मियों की संयुक्त टीम को निर्देशित किया गया।

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तहसील प्रशासन के निर्देश पर राजस्व व पुलिस की संयुक्त टीम ने दस मई को मौके पर पहुंचकर उक्त चकमार्ग को न सिर्फ खाली करवाया, बल्कि उस पर मिट्टी डलवाई और चिन्हांकन करवाया। क्षेत्रीय लेखपाल रामकुमार वर्मा ने बताया कि ग्राम राजापुर में चकमार्ग संख्या 403, जो आबादी से लगा हुआ है, उस पर गांव के ही नमोनारायण पुत्र मेघनाथ आदि ने विगत 35 वर्ष से कब्जा कर रखा था और उस पर खेती की जा रही थी। जिसे तहसील प्रसासन के 

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