मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम से भी बड़ा उनका नामः शिवम महराज
लालापुर रामजानकी कुटी में श्रीराम कथा का आयोजन
प्रयागराज (आलोक गुप्ता). जगद्गुरु रामभद्राचार्य के शिष्य शिवम ने लालापुर के रामजानकी कुटी में आयोजित श्रीराम कथा के प्रथम दिन मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम नाम की महिमा का बखान किया। शिवम महराज ने कहा, राम नाम तो अविनाशी है। दुनिया इधर से उधर हो जाए, सब कुछ बदल जाए पर यह राम नाम ज्यों का त्यों, यूं ही सदा बना रहेगा। राम नाम की महिमा कभी भी कम नहीं होगी, बल्कि दिन-प्रतिदिन बढ़ती जाएगी।
कहा कि, राम की महिमा अपरंपार है। श्रीराम खुद कह गए हैं- राम से बड़ा राम का नाम, तो जो बात स्वयं रामजी कह गए वो कैसे गलत हो सकती है। दरअसल, जीवन का आधार ही राम नाम है। हर जगह राम नाम की महिमा का गुणगान है। राम सिर्फ एक नाम नहीं है। राम नाम सबसे बड़ा मंत्र है। राम नाम की महिमा तो ये है कि सदाशिव भोले शंकर भी राम नाम जपते रहते हैं। इसी नाम का वो हर प्रहर जाप करते रहते है। संसार भी राम नाम से चल रहा है। सूर्य, चंद्रमा, अग्नि, वायु सभी में जो शक्ति है वह राम नाम में समाहित है।
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शिवम महराज ने कहा कि भगवान शिव व पार्वती का मूल स्वरूप श्रद्धा व विश्वास है। शब्द ब्रह्मा होता है और शब्द को संभाल कर बोलना चाहिए। जीवन में अभिमान की शून्यता आ जाए तो श्रद्धा अपने आप आ जाएगी। उन्होंने कहा कि जीवन में राम नाम का बहुत महत्व है। जीवन के हर पल और हर क्षण में राम नाम चलन में रहता है।
बच्चे के जन्म में श्रीराम के नाम का सोहर होता है। विवाह आदि मांगलिक कार्यों के अवसर पर श्रीराम के गीत गाए जाते हैं। यहां तक कि मनुष्य की अंतिम यात्रा में भी राम नाम का ही घोष किया जाता है। राम सब में बड़े हैं और राम में शिव और शिव में राम विद्यमान हैं। श्रीराम को शिव का महामंत्र माना गया है और राम सर्वमुक्त हैं। राम सबकी चेतना का सजीव नाम है। इस मौके पर पंकज ओझा, रामजानकी जनकल्याण समिति अध्यक्ष शिवेंद्र पांडेय, विश्व हिन्दू परिसद अध्यक्ष चंद्र निधान पांडेय, अखिलेश मिश्रा, राजेंद्र पांडेय, मुनेश्वर पांडेय, दिनेश पांडेय, राजू पांडेय, लाला पांडेय, राजभवन पांडेय, यश पांडेय, आर्यन पांडेय, रामू तिवारी, ननका पंडित, निखिल आदि प्रभु भक्त मौजूद रहे है।