अवध

हर घंटे दो सेमी बढ़ रहा जलस्तर, एक दिन में 46 सेमी यमुना और 14 सेमी बढ़ा गंगा का पानी

प्रयागराज (आलोक गुप्ता). दिल्ली में तबाही मचाने के बाद यमुना का पानी (Yamuna Flood) अब धीरे-धीरे मैदानी इलाकों की तरफ बढ़ रहा है। इसके अलावा पहाड़ों पर हो रही बरसात के कारण गंगा (Ganga) समेत अन्य नदियों के जलस्तर (Water Level) में इजाफा हो रहा है। इस समय प्रदेश के आधा दर्जन से अधिक जिले बाढ़ की चपेट में हैं। अलीगढ़, बिजनौर, फर्रुखाबाद, गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, शामली, मेरठ और मथुरा का एक बड़ा भूभाग बाढ़ की जद में है।

गंगा और यमुना नदी कुछ स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। नदियों में लगातार बढ़ते जलस्तर की वजह से प्रयागराज में भी गंगा व यमुना का जलस्तर  (Water Level in Prayagraj) लगातार बढ़त बनाए हुए है। प्रयागराज में मंगलवार को दोपहर 12 बजे ली गई रीडिंग के मुताबिक फाफामऊ में गंगा का जलस्तर छह सेंटीमीटर (78.5 मीटर) बढ़ा है। जबकि नैनी में यमुना का जलस्तर आठ सेमी (76.04 मीटर) ऊपर खिसका है। इसके आगे छतनाग में आठ सेमी (75.58 मीटर) की बढ़त के साथ जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। प्रयागराज में खतरे का निशान 84.734 मीटर पर है।

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प्रयागराज में गंगा और यमुना के जलस्तर में बढ़ोत्तरी की यह रिपोर्ट बीते चार घंटे के दौरान की है। जबकि बीते 24 घंटे के दौरान फाफामऊ में 14 सेंटीमीटर, छतनाग में 44 सेंटीमीटर और नैनी में यमुना में 46 सेंटीमीटर रिकार्ड किया गया है। हालांकि दोनों नदियोंका जलस्तर अभी खतरे के निशान सेकाफी दूर है। प्रयागराज में साल 1978 में बाढ़ ने जो रिकार्ड बनाया है, वह अभी तक टूट नहीं पाया है। हालांकि साल 2013 में बाढ़ का पानी 1978 के रिकार्ड के करीब पहुंचकर लौट गया था।

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बताते चलें कि नई दिल्ली में तबाही मचाने के बाद यमुना का पानी प्रयागराज की तरफ बढ़ रहा है। इस समय यमुना के पानी से आगरा और मथुरा में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। आगरा में मंगलवार सुबह यमुना नदी का जलस्तर 497.3 फीट रिकार्ड किया गया, जो मध्यम बाढ़ के बिंदु से महज दो फीट नीचे है। ताज महल के व्यू प्वाइंट पर पानी के पहुंचने के कारण इसे आम पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया है। इसके अलावा स्थानीय पुलिस चौकी में भी पानी भर गया है। मथुरा जनपद में भी कमोवेश इसी तरह के हालात बने हुए हैं।

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