अवध

शोहदाए करबला की दसवीं पर दरियाबाद में निकाला गया जुलूस

प्रयागराज (आलोक गुप्ता). दरियाबाद के रिज़वी ग्रुप की ओर से हज़रत इमाम हुसैन सहित करबला के 72 शहीदों के दसवें पर माहे मोहर्रम की 19 को देर रात आफताब हैदर के अज़ाखाने से दुलदुल अलम व हज़रत अली असग़र के जनाज़े को हांथों में लेकर जुलूस निकाला गया, जो देर रात दरियाबाद स्थित क़ब्रिस्तान में बने रोज़ा-ए-इमाम हुसैन तक गया।

जुलूस से पहले वसीम वोआय्यवी की निज़ामत (संचालन) में हैदर ज़ैदी ने सोज़ख्वानी तो मौलाना सैय्यद हसन रज़ा ज़ैदी ने मजलिस में शहादत का ज़िक्र किया। तक़रीर ग़ाज़ीपुर के खतीब-ए-अहलेबैत सैय्यद ऊरुज अब्बास ने की। खुसूसी नौहाख्वान उन्नाव के नन्हे नौहाख्वान बिलाल रज़ा और मोहम्मद मेंहदी ने ग़मगीन नौहे पढ़कर माहौल को ग़मज़दा बना दिया।

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अंजुमन हुसैनिया दरियाबाद, अंजमन गुंचा-ए-क़ासिमया बख्शी बाज़ार, अंजुमन हुसैनिया क़दीम दरियाबाद, अंजुमन मज़लूमिया रानीमंडी, अंजुमन अब्बासिया रानीमंडी के नौहाख्वानों ने नौहों और मातम का नज़राना पेश करते हुए जुलूस में शिरकत किया। आफताब हैदर, अकबर रिज़वी, सैय्यद मोहम्मद अस्करी, आसिफ रिज़वी, ज़ामिन हसन, माहे आलम, शजीह अब्बास, मोहम्मद अब्बास गुड्डू, ज़ैग़म नक़वी, हसन हैदर, अली रज़ा रिज़वी आदि शामिल रहे।

मोमबत्ती की रोशनी में निकला औन-ओ-मोहम्मद का ताबूतः सुल्तानपुर भावा स्थित खाना-ए-आले मोहम्मद में दस दिवसीय अशरे की मजलिस की पांचवीं मजलिस में हज़रत इमाम हुसैन की बहन जनाबे ज़ैनब के फरज़ंद औन-ओ-मोहम्मद का दो छोटा ताबूत इमामबाड़े की सभी लाइटों को बंदकर मोमबत्ती की रोशनी में निकाला गया, साथ में ग़ाज़ी अब्बास का अलम भी रहा, जिसका बोसा लेने और ज़ियारत को हुजूम उमड़ पड़ा। मजलिस को लखनऊ के मौलाना हमीदुल हसन साहब क़िब्ला ने खिताब किया तो अंजुमन हाशिमया दरियाबाद के नौहाख्वान ज़ेया अब्बास अर्शी, यासिर सिबतैन अब्बास ज़ैदी आदि ने पुरदर्द नौहा पढ़ा। इसमें ताशू अल्वी, राशिद अल्वी आदि शामिल रहे।

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जंजीर और दहकते अंगारों पर मातम 13 अगस्त कोः अंजुमन इमामिया चक ज़ीरो रोड की ओर से शहादत इमाम-ए-सज्जाद पर 13 अगस्त को दिन में दो बजे यौमे-ए-सज्जाद में अंजुमन इमामिया चक तेज़ धार की छूरियों से लैस ज़ंजीरों से पुश्तज़नी करेगी। इससे पहले रज़ा इस्माइल सफवी व फैज़ान आब्दी की सोज़ख्वानी तो नायाब बलियावी की पेशख्वानी के बाद मौलाना आमिरुर रिज़वी मजलिस को खिताब करेंगे। अंजुमन ग़ुंचा-ए-क़ासिमया बख्शी बाज़ार, अंजुमन हैदरिया रानीमंडी, अंजुमन मोहाफिज़े अज़ा दरियाबाद नौहा और मातम करेगी। वहीं दरियाबाद में तहफ्फुज़े अज़ा सोसायटी की ओर से रात्रि नौ बजे दहकते हुए अंगारों पर नंगे पैर चल कर अज़ादार मातम करेंगे। इमामबाड़ा नवाब बेगम ऐतिहासिक बड़ा घर से अंधेरा कर मोमबत्ती की रोशनी व लोबान धूनी के बीच ताबूत इमाम ज़ैनुल आबेदीन अलैहिस्सलाम व एक दर्जन अलम मुबारक की ज़ियारत कराई जाएगी।

 

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