डायट परिसर में शिक्षकों को डीसीपीसी के बैनर तले दिया गया प्रशिक्षण
प्रयागराज (आलोक गुप्ता). डर अर्थात भय, लालच और अज्ञानता, यही तीन मूलभूत कारण हैं, जिनकी वजह से साइबर अपराध में तेजी से इजाफा हुआ है। डिजिटल अरेस्ट की घटनाएं बढ़ी हैं। यह बातें साइबर विशेषज्ञ जेपी सिंह ने डायट परिसर में शिक्षकों को दिए जा रहे प्रशिक्षण के दौरान कही।
साइबर एक्सपर्ट जेपी सिंह ने बताया कि आजकल साइबर अपराधी अपने आपको साइबर क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताकर लोगों को मुकदमे में फंसाने और केस को रफ-दफा करने का झांसा देकर पैसे की डिमांड करते हैं। इसमें ठग के द्वारा किसी भी प्रकार का बहाना बनाया जा सकता है और लोगबाग डर के कारण बिना किसी को बताए मनचाही रकम दे देते हैं।
इसी तरह लोगों को कम निवेश पर अधिक मुनाफे का लालच देकर अरसे से ठगा जा रहा है। कम समय में ज्यादा फायदा पाने के चक्कर में लोग गाढ़ी कमाई का पैसा लगा देते हैं और बाद में ठगी का शिकार होने पर हाथ मलने के अलावा कुछ नहीं बचता। इसीलिए यदि कहीं पैसा निवेश कर रहे हैं तो सोच-समझकर लगाएं।
जेपी सिंह ने कहा, इन सबसे बचाव के लिए हम सभी कोजागरुक होना होगा और अपने आसपास के समाज को भी जागरुक करना होगा। किसी भी तरह के झांसे में न आएं। कोई ऐप डाउनलोड न करें। किसी लिंक पर क्लिक न करें। सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर दोस्ती करने से बचें।
जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) प्रयागराज में गुरुवार व शुक्रवार को आयोजित इस प्रशिक्षण शिविर में राजकीय एवं सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के कक्षा नौ एवं 10 में गणित, अंग्रेजी और विज्ञान विषय का शिक्षक शामिल हुए, जिन्हे उपचारात्मक शिक्षण एवं अन्य बिंदुओं पर प्रशिक्षित किया गया।
आज के प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिला अपराध निरोधक कमेटी प्रयागराज के संयुक्त तत्वावधान में शिक्षकों को सड़क सुरक्षा, यातायात जागरूकता और साइबर अपराध से बचाव के लिए प्रशिक्षण दिया गया। साइबर विशेषज्ञ के रूप में साइबर थाना से जेपी सिंह ने आपात स्थितियों में तत्काल पुलिस से मदद लेने की अपील की।
इस मौके पर उप शिक्षा निदेशक/प्राचार्य डायट राजेंद्र प्रताप, जिला विद्यालय निरीक्षक पीएन सिंह, जिला अपराध निरोधक कमेटी के सचिव संतोष कुमार श्रीवास्तव, डायट प्रवक्ता समेत माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षक उपस्थित रहे।