पूर्वांचल

भाइयों में होगा स्नेह तो परिवार करेगा उन्नतिः सत्यम महाराज

कोइरौना/भदोही (संजय मिश्र). तुलसीकला गांव में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन शनिवार को व्यासपीठ से सत्यम महाराज ने मैत्रेय विदुर संवाद, सांख्य दर्शन के प्रणेता कपिल भगवान की कथा, भरत चरित्र का दर्शन और शिव-पार्वती विवाह प्रसंग की कथा सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

भरत चरित्र की कथा सुनाते हुए महाराज ने कहा कि जिस प्रकार भरत ने प्रभु का नाम सुमिरन करने के लिए घर छोड़ दिया, राजा को ज्ञान दिया, उसी प्रकार अपने ईष्ट या देव के प्रति सच्चा भाव रखना चाहिए।

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उन्होंने कहा कि आज के भाई आपस में लड़ रहे हैं, लेकिन भगवान राम ने छोटे भाई भरत के लिए राज त्यागा और वन गमन किया। कहा, भाइयों को संपत्ति और धन से ज्यादा भाई को प्रेम करना चाहिए। अगर भाइयों में प्रेम होगा तो परिवार तरक्की के रास्ते पर चलता रहेगा। वहीं भरत ने बड़े भाई द्वारा राज्य दिए जाने के बाद भी उनकी पादुकाओं को सिंहासन पर रख कर कठिन तप किया था, जबकि आज के भाई राज्य पाने के बाद भाई को भूल जाएं।

कथा व्यास ने लोगों से आपस में प्रेम भाव से रहने की सीख दी। इस मौके पर यज्ञाचार्य पं कृष्ण मुरारी द्विवेदी, पुरोहित गिरिजा शंकर, गोविंद लाल, यजमान छोटेलाल पांडेय, कोटेदार मुन्ना, संतोष, बबलेश पांडेय, जीतेंद्र, बच्चा पांडेय, त्रियुगीनाथ, कालू पांडेय, पंकज सिंह, हेमंत पांडेय, अतुल मिश्र आदि रहे।

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