पूर्वांचल

जागरुकता गोष्ठीः खेती-किसानी में मौसम परिवर्तन पर भी बनाए रखें नजर

किसानों से मेघदूत और दामिनी एप डाउनलोड करने का आह्वान

भदोही (विष्णु दुबे). राष्ट्रीय जलवायु समुत्थानशील कृषि परियोजना के तहत उचेठा गांव में रबी उत्पादन तकनीकी प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। ग्रामीण कृषि मौसम सेवा परियोजना के इस कार्यक्रम में वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डा. विश्वेंदु द्विवेदी ने मौसम संबंधित अप्रत्याशित गतिविधियों से बचने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा जारी कृषि मौसम बुलेटिन के प्रयोग पर जोर दिया।

यह भी पढ़ेंः इंडोनेशिया में आए भूकंप में हताहतों की संख्या 268 हुई, 160 से अधिक लोग लापता

यह भी पढ़ेंः अधीक्षक की कुर्सी गई, ओपीडी चलाने वाले क्लीनिक पर ताला लगाने का फरमान

कृषि वैज्ञानिक ने सभी किसानों से मेघदूत व दामिनी एप को डाउनलोड करने का आवाह्न किया और प्राकृतिक खेती के विभिन्न आयामों का जिक्र करते हुए रासायनिक खाद पर निर्भरता कम करने पर बल दिया। इस दौरान सर्वेश बरनवाल (कृषि मौसम विशेषज्ञ) द्वारा किसानों के साथ मौसम पूर्वानुमान विधा के साथ खेती-बाड़ी के प्रबंधन तकनीकी पर विस्तृत चर्चा की। कार्यक्रम में बीज शोधन, उन्नतशील व जलवायु अनुकूल फसल प्रजातियों, फसल सस्य क्रियाओं की जानकारी किसानों को प्रदान की गई।

एसआरएफ अमित सिंह ने गांवों में किसानों के बेसलाइन सर्वे में आवश्यक डाटा को रेखांकित किया। उचेठा गांव के पूर्व प्रधान शेष नारायण सिंह ने किसानों को वैज्ञानिकों द्वारा कही गई कृषि संस्तुतियों को प्रयोग में लाने को कहा गया। इस अवसर पर गांव के दर्जनों किसानों ने कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button