दलित बन सकेंगे बड़े उद्यमी, अनुदान राशि में पांच गुना इजाफाः डा. लालजी निर्मल
भदोही (कृष्ण कुमार द्विवेदी). अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम (Scheduled Castes Finance & Development Corporation) के चेयरमैन डा. लालजी प्रसाद निर्मल (Chairman Dr. Lalji Prasad Nirmal) ने कहा, प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्युदय योजना से अनुसूचित जाति के लोग अब बड़े उद्यमी बन सकेंगे। अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम से मिलने वाली अनुदान राशि को दस हजार से बढ़ाकर अब 50 हजार रुपये कर दिया गया है। इस योजना की पात्रता के लिए निर्धारित 56 हजार रुपये वार्षिक आय सीमा को समाप्त करते हुए समस्त अनुसूचित जातियों के लिए उद्यमिता के द्वार खोल दिए गए हैं।
ज्ञानपुर के गेस्ट हाउस में पत्रकारों से बातचीत करते हुए डा. निर्मल ने बताया कि जिनकी भी वार्षिक आमदनी 2.5 लाख रुपये या उससे कम है, उन्हे इन योजनाओं के लिए वरीयता दी जाएगी। इस योजना के तहत पात्र व्यक्तियों का क्लस्टर के माध्यम से चयन किया जाएगा और उनके द्वारा चयनित परियोजनाओं पर उन्हे व्यापक प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा, जिसमें प्रोजेक्ट आफीसर, तकनीकी सहायक, कंप्यूटर सहायक आदि मदद करेंगे।
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डा. निर्मल ने कहा कि दलित बाहुल्य गांवों में इन परियोजनाओं को स्थापित करने के लिए सरकारी स्तर पर जमीनें और उस पर आवश्यक निर्माण की भी सुविधा प्रदान की जाएगी। कहा, यह दलितों के आर्थिक विकास के लिए पहली योजना है, जिसमें उत्पाद के विपणन के लिए मार्केट की भी व्यवस्था की जा रही है।
उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति बाहुल्य गांवों में विकास के लिए प्रदेश में दस हजार गांव प्रधानमंत्री आदर्श गांव के रूप में चिह्नित किए गए हैं, जिसमें 20 लाख रुपये कीलागत से डा. अंबेडकर उत्सव धाम, सामुदायिक भवन का निर्माण कराया जाना प्रस्तावित है। अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए लखनऊ, वाराणसी, आगरा, अलीगढ़, हापुड़ और प्रयागराज में सिविल सेवा की कोचिंग करवाई जा रही है। इसके अलावा मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना से लाभांवित किया जा रहा है।
डा. निर्मल ने कहा, आजादी के बाद पहली बार दलित आर्थिक एजेंडा के रूप में स्टैंड-अप इंडिया योजना के बाद प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्युदय योजना लागू की गई है, जो दलितों को आर्थिक रूप से सशक्त करेगी। कहा, मोदी-योगी युग दलितों के सामाजिक एवं आर्थिक विकास का स्वर्णिम काल है।