भदोही में मिले Dengue के 26 मरीज, जिला अस्पताल में वार्ड आरक्षित
डेंगू से घबराएं नहीं, सभी सीएचसी पर उपलब्ध है जांच की सुविधाः सीएमओ
भदोही (कृष्ण कुमार द्विवेदी). डेंगू (dengue) रोग से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग लगातार सक्रिय है। जिले के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर 10 बेड का वार्ड आरक्षित कर दिया गया है। यह जानकारी देते हुए सीएमओ डा. संतोष कुमार चक ने बताया कि डेंगू के रोकथाम के लिए टीम लगातार निगरानी कर रही है। जिले के आठ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर 10 बेड का एक वार्ड आरक्षित कर दिया गया है। पर्याप्त मात्रा में बुखार की दवा के अलावा तमाम दवाएं उपलब्ध हैं।
सीएमओ ने बताया कि जिला अस्पताल में 20 बेड का वार्ड आरक्षित करा दिया गया है। जिले में अब तक डेंगू (dengue) के 26 मरीज पाए गए हैं। इसे देखते हुए जांच की गति बढ़ा दी गई है। एक दिन में बुखार से पीड़ित लगभग 100 से अधिक मरीजों का टेस्ट किया जा रहा है। मौसम के बदलाव से भी बुखार के मरीज सामने आ रहे है। आशंका होने पर उनका एलाइजा टेस्ट भी कराया जा रहा है। एलाइजा टेस्ट की सुविधा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भदोही पर उपलब्ध हो जाने के बाद अब कहीं जाना नहीं पड़ेगा और उसके बाद ही उन्हें डेगू मरीज घोषित किया जाता है।
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एसीएमओ व जिला प्रतिरक्षण अधिकारी सुरेश सिंह ने बताया कि डेंगू (dengue) व बुखार को देखते हुए विभाग की ओर से शहरी व ग्रामीण इलाकों में फागिग व एंटीलार्वा का छिड़काव कराया जा रहा है। डेंगू का एडीज मच्छर हमेशा साफ पानी में ही पैदा होता है। यह दिन के समय काटता है। डेंगू पीड़ित को अचानक तेज बुखार, कमर, जोड़ों व सिर में दर्द होता है। जी मचलाना, उल्टी और शरीर में दाने भी निकल आते हैं।
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फुल आस्तीन का कपड़ा पहनेंः डेंगू और मलेरिया से बचाव का सबसे बेहतर उपाय है कि पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें। मच्छरदानी का इस्तेमाल करें। क्रीम लगाएं। घर में मच्छररोधी अगरबत्ती का इस्तेमाल करें। घरों में कीटनाशकों का छिड़काव करें। खुली नालियों में मिट्टी का तेल डालें। सुबह-शाम के समय खिड़कियों और दरवाजों को बंद रखें। लक्षण दिखने परतत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाएं।
मंडलीय अस्पताल में करें संपर्कः जिला मलेरिया अधिकारी डा. रामआसरे का कहना है कि यदि किसी व्यक्ति में डेंगू (dengue) के लक्षण पाए जाते हैं तो उसे तुरंत मंडलीय चिकित्सालय में संपर्क करना चाहिए। डेंगू का इलाज मुफ्त उपलब्ध है। डेंगू के इलाज में किसी भी नीम-हकीम या अपने मन से इलाज करने से बचने का कार्य करना चाहिए।