स्पेशल एजुकेटर्स की क्षमता में इजाफा, कराया गया सांकेतिक अभ्यास
तीन दिवसीय प्रशिक्षण के दूसरे दिन मास्टर ट्रेनर्स ने समझाई बारीकियां
मिर्जापुर में भाग ले रहे हैं भदोही और सोनभद्र के भी स्पेशल एजुकेटर
भदोही/मिर्जापुर (कृष्ण कुमार द्विवेदी). समावेशी शिक्षा के तहत आयोजित तीन दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण में मंडल के स्पेशल एजुकेटर्स को उनकी विशेषज्ञता के अलावा अन्य विषयों की जानकारी दी गई। मिर्जापुर के सुरभि गेस्ट हाउस में चल रहे मंडल स्तरीय क्रास डिसएबिलिटी प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत एमआई (मानसिक दिव्यांग), वीआई (दृष्टि बाधित) और एचआई (मूक-बधिर), के स्पेशल एजुकेटर्स को उनकी विशेषज्ञता से इतर भी लिखित और व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया। मास्टर ट्रेनर्स ने उक्त तीनों श्रेणी के सांकेतिक भाषाओं का व्यावहारिक ज्ञान देकर उनकी क्षमता में इजाफा किया।
प्रशिक्षण के दूसरे दिन मास्टर ट्रेनर कुलदीप ने वाक श्रवण (मूकबधिर) दिव्यांगता के संदर्भ में ए से जेड तक साइन लैंग्वेज (सांकेतिक भाषा) और 1-50 तक की साइन लैंग्वेज का प्रस्तुतीकरण किया। इसी क्रम में अशोक गौतम ने दिनों और महीनों के नाम को साइन लैंग्वेज में साइन लैंग्वेज में प्रस्तुत कर समझाया। मास्टर ट्रेनर मिथिलेश के द्वारा दृश्य दिव्यांग (वीआई) के लक्षण, भ्रांतियां, कारण, निदान, शैक्षिक रणनीति और ब्रेल लिपि के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला।
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समेकित शिक्षा मिर्जापुर केजिला समन्यक केशराज सिंह द्वारा सभी प्रकार की दिव्यांगताओं के बारे में बताया गया। कहा, प्रशिक्षण के उपरांत स्पेशल एजुकेटर यहां मिले ज्ञान का व्यवहार में उपयोग करें और पूरे मनोयोग से क्रास डिसएबिलिटी के बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़े। इस प्रशिक्षण शिविर में भदोही के 21, मिर्जापुर 45 और सोनभद्र 11 स्पेशल एजुकेटर भाग ले रहे हैं।
इसके पूर्व प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन नौ जनवरी को मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक (एडी बेसिक) डा. फतेह बहदुर सिंह ने किया। एडी बेसिक के साथ बीएसए मिर्जापुर गौतम प्रसाद ने उक्त प्रशिक्षण के उद्देश्यों और आवश्यकता पर प्रकाश डाला। प्रथम दिन मंडलीय कोआर्डिनेटर राकेश तिवारी, जिला समन्वयक समेकित शिक्षा मिर्जापुर केशराज सिंह, भदोही की रश्मि मिश्रा, सोनभद्र से प्रणवती सारंगी, एसआरजी संजय नीलम ने संबोधित किया। मास्टर ट्रेनर मिथिलेश तिवारी द्वारा क्रास डिसएबिलिटी, बौद्धिक दिव्यांग बच्चों की शैक्षिक योजना, कक्षा कक्ष प्रबंधन के बारे में बताया गया। अशोक गौतम ने बौद्धिक दिव्यांगता के कारण, निदान, भ्रांतियां, सूचना एवं तकनीकी के बारे में बताया जबकि, कुलदीप द्वारा 21 प्रकार की दिव्यांगता की विस्तार से जानकारी दी।