फल की चिंता भगवान पर छोड़ अपना धर्म निभाते रहिएः सुदामा महराज
भदोही (अनंत गुप्ता). द्वादश ज्योतिर्लिंग देवनाथपुर, सुंदरवन में वार्षिक महोत्सव का आयोजन किया गया। द्वादश ज्योतिर्लिंग वार्षिक महोत्सव के उपलक्ष्य में श्रीराम जानकी मंदिर सुंदरवन कटेबना प्रांगण में आयोजित पांच दिवसीय शिवकथा के दौरान वृंदावन से पधारे सुदामा महाराज ने शिवकथा सुनाई। देवाधिदेव, महादेव की महिमा का बखान करते हुए कहा, कथा श्रवण से भक्तों का कल्याण होता है। मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।
सुदामा महाराज ने श्रोताओं से कहा कि धन, वैभव, ऐश्वर्य बढ़ जाने पर मनुष्य को भूलकर भी अहंकार नहीं करना चाहिए। यदि इंसान अहंकार करने लगे तो उसका पतन वहीं से शुरू हो जाता है। महराज ने कहा कि गौ, गीता, गंगा पूजन करने पर भगवान नारायण की अतिशय कृपा प्राप्त होती है। सुदामाजी महाराज ने कहा, कर्म के अनुसार मनुष्य का भाग्य बदलता हैं। इसलिए कर्म का फल भगवान पर छोड़ देना सदा श्रेयस्कर रहता है। जीवन को सफल बनाने के लिए कर्म के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं है।
महाराज ने कहा कि अन्न दान, भूमि दान करने से बढ़ोत्तरी होती हैं। घर पर कोई संत, भिखारी आ जाए तो यथाशक्ति दान करे। अपने घर आए अथिति को देव समझकर सत्कार करना चाहिए। कथा के अंत में आयोजक व यजमान मां राजलक्ष्मी मंदा के द्वारा भगवान की आरती उतारी गई और श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया गया। इस अवसर पर गुरुजी, देवेंद्र कुमार, शिव दयाल, दशरथ, विजय शंकर, शिवशंकर, अखिलेश, आशाराम, बृजेश, दिवाकर, जगन्नाथ समेत तमाम भक्त मौजूद रहे।