पूर्वांचलराज्य

बुनकरों और मजदूरों पर कुठाराघात कर रही महायोजना 2041: प्रदीप यादव

किसी भी रूप में योजना को नहीं किया जाएगा स्वीकार, महायोजना को रद्द करने की उठाई मांग

भदोही (संजय सिंह). समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष प्रदीप यादव ने बीड़ा महायोजना को रद्द करने की मांग उठाई है। रविवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर यादव ने कहा, भदोही औद्योगिक विकास प्राधिकरण (बीड़ा) द्वारा तैयार की गई महायोजना-2041 किसी भी हाल में स्वीकार योग्य नहीं है। यह योजना गरीबों, किसानों, बुनकरों व मजदूरों को उजाड़ने वाली योजना है। यह योजना उद्योग को प्रभावित करने वाली योजना है।

उन्होंने कहा कि जो योजना जनहित और कालीन उद्योग हित में ठीक नहीं है, उस योजना को आखिर क्यों अमल में लाए जाने की तैयारी चल रही है। जमीन हमारी, उस पर हम मकान बनाएं या फिर कारखाना स्थापित करें। यह तय करने वाली बीड़ा (भदोही औद्योगिक विकास प्राधिकरण) कौन होती है।

कहा, इस तरह की योजना को बनाकर बीड़ा धनउगाही का जरिया बनाने में लगी हुई है। अभी तक बीड़ा के द्वारा नक्शा पास कराए जाने के नाम पर लोगों को लूटा गया। नक्शा पास करने के लिए लोगों को एक-एक साल दौड़ाया गया। लोगों के जूते-चप्पल घिस गए।

प्रदीप यादव ने कहा कि अब इस योजना (महायोजना 2041) के जरिए लोगों को डरा-धमकाकर धनउगाही की जाएगी। इस तरह के सभी कार्यों का समाजवादी पार्टी विरोध करती चली आ रही है और आगे भी करेगी। जो योजना जनहित में ठीक नहीं है, आखिर उसे मंजूरी कैसे दी जा सकती है।

जिलाध्यक्ष कहा, कि हम विकास के विरोधी नहीं हैं, लेकिन गरीब, किसान, बुनकर व मजदूर को उजाड़कर विकास किए जाने के विरोधी हैं। अगर बीड़ा को वास्तव में विकास करना है तो सरकारी जमीनों पर विकास करें। जब लोगों को उजाड दोगे तो उस विकास को देखने के लिए कौन बचेगा।

कहा कि बीड़ा अपनी इस महायोजना को रद्द करें, अन्यथा इस योजना का विरोध सड़क से लेकर सदन तक समाजवादी पार्टी द्वारा किया जाएगा।

क्या है बीडा की महायोजना-2041

गौरतलब है कि भदोही औद्योगिक विकास प्राधिकरण (बीड़ा) की महायोजना-2041 में भदोही और जौनपुर ज़िले के 340 गांवों में नये शहर का निर्माण प्रस्तावित है। इस योजना में कम से कम एक हज़ार एकड़ ज़मीन को चिह्नित किया जाएगा।  प्रस्तावित नये शहर में औद्योगिक, आवासीय, और व्यावसायिक संरचनाएं विकसित की जाएंगी। स्कूल, बाज़ार और अस्पताल की भी सुविधा होगी।  इस शहर में एक कृत्रिम झील बनाई जाएगी और उसके चारों तरफ़ सामाजिक वानिकी के तहत जंगल लगाया जाएगा।

बीड़ा के द्वारा महायोजना 2041 को लेकर आपत्ति दाखिल की जा रही है। इकाई ने आपत्ति दाखिल करने केलिए नौ अगस्त तक का वक्त दिया था। अब बीडा मास्टर प्लान (महायोजना 2041) पर 24 अगस्त तक आपत्तियां ली जाएंगी। इसके पहले मास्टर प्लान पर नौ जुलाई से आठ अगस्त तक आपत्तियां और सुझाव लेने थे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button