रास्ते के विवाद में पत्रकार पर हमला, डीसीपी से मिला प्रेस क्लब का प्रतिनिधि मंडल
नायब तहसीलदार की ढुलमुल कार्रवाई पर पत्रकार पत्रकार प्रेस क्लब ने जताई नाराजगी
वाराणसी. रास्ते के विवाद में पत्रकार घनश्याम पाठक पर हुए हमले से नाराज पत्रकार साथियों ने सोमवार को डीसीपी से मुलाकात की। पत्रकार प्रेस क्लब के पत्रकारों ने कमिश्नरेट वाराणसी के डीसीपी संतोष सिंह से मुलाकात कर तत्काल हमलावरों व रास्ते का निर्माण रोकने वाले दबंगों के खिलाफ कार्रवाई का अनुरोध किया। डीसीपी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए इस मामले में तत्काल एसीपी राजातालाब/रोहनिया को जांच कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
बताते चलें कि पिछले कई दिनों से पत्रकार घनश्याम पाठक के घर आने-जाने वाले पुश्तैनी रास्ते पर दबंगों ने बांस-बल्ली लगाकर रास्ता अवरुद्ध कर दिया था। मामले के निस्तारण के संबंध में एसडीएम राजातालाब गिरीश कुमार द्विवेदी के निर्देश पर रविवार को नायब तहसीलदार सुलेख वर्मा जंसा पुलिस टीम को मौके पर जाकर रास्ता खुलवाना था। शाम तक इंतजार करने के बाद भी राजस्व टीम पुलिस बल के साथ मौके पर नहीं पहुंची, जिसके करण रास्ता नहीं खुल सका।
रास्ता खुलवाए जाने की सूचना पर दोनों पक्ष के लोग मौके पर डटे रहे। हालांकि शाम तक रास्ता खुलवाए जाने की कार्यवाही को अंजाम नहीं दिया जा सका। दूसरी तरफ रविवार की ही शाम विपक्ष केलोगों ने एक राय होकर वरिष्ठ पत्रकार घनश्याम पाठक पर उस समय हमला बोल दिया, जब वह कार्यालय से घर लौट रहे थे। गांव के नजदीक हुए इस हमले के दौरान शोर-शराबा सुनकर आसपास केलोग दौड़े तो हमलावर मौके से हट गए। पत्रकार पर हमले की सूचना पाते ही जंसा थाने की पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस को देखते ही हमलावर भाग खड़े हुए।
उल्लेखनीय है कि विगत दिनों बसवरिया के कुछ दबंगों ने घनश्याम पाठक के घर आने-जाने वाले रास्ते पर बांस बल्ली लगाकर रास्ता अवरुद्ध कर दिया था। दबंगों ने इंटरलॉकिंग निर्माण-कार्य का विरोध किया गया। इसके विरोध में आक्रोशित ग्रामीणों ने उपजिलाधिकारी राजातालाब को ज्ञापन सौंपकर दबंगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। ग्रामीणों का कहना है कि यदि रविवार को नायब तहसीलदार पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचकर रास्ता खुलवा दिए होते तो विवाद की स्थिति उत्पन्न न होती।
स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि गांव के पिच रोड से 105 मीटर की सड़क सुरेश पाठक के दरवाजे से घनश्याम पाठक के घर तक गई है। खड़ंजे पर ग्राम पंचायत की तरफ से इंटरलॉकिंग सड़क बनाई जा रही थी। इसी बीच गांव के दबंग जुगराना पाठक, आशुतोष और श्यामसुंदर पाठक एवं उनके परिजनों की तरफ से खड़ंजे पर बांस-बल्ली लगाकर सड़क निर्माण का कार्य रोक दिया गया गया।
जिस रास्ते पर खड़ंजा का निर्माण करवाया जा रहा है, उसके कुछ हिस्से पर खड़ंजा पहले से बना हुआ है। इस रास्ते को लेकर वर्ष 2013 में ग्रामसभा के लोगों ने आपसी सुलह समझौता भी किया था। बावजूद इसके गांव के दबंग सड़क निर्माण में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं।
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