पूर्वांचल

अति कुपोषित बच्चों को पहुंचाएं पुनर्वास केंद्र, बचाएं बच्चों का जीवन

मुख्य विकास अधिकारी ने की अपील, सैम बच्चों को पुनर्वास केंद्र पहुंचाना हमारी नैतिक जिम्मेदारी

सैम (अति कुपोषित) बच्चों की चिकित्सा के लिए महाराजा चेत सिंह चिकित्सालय में पुनर्वास केंद्र स्थापित

भदोही (कृष्ण कुमार द्विवेदी). जिले के अति कुपोषित (सैम) बच्चों को पुनर्वास केंद्र (rehabilitation centers) में भर्ती करवाएं और जागरुक नागरिक होने का फर्ज निभाएं। यह अपील करते हुए सीडीओ यशवंत कुमार सिंह ने बताया कि  जिले में 1492 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं। आंगनबाड़ी केंद्रों पर पंजीकृत बच्चों में 1978 बच्चे सैम की श्रेणी में, जो आपकी ही ग्राम पंचायत के हैं। सैम बच्चों को तत्काल चिकित्सकीय उपचार की आवश्यकता है।

सीडीओ ने कहा कि सैम बच्चों के उपचार के लिए महाराजा चेत सिंह जिला चिकित्सालय में पोषण पुनर्वास केंद्र की स्थापना की गई है। सैम बच्चों के माता-पिता को प्रेरित करते हुए इन बच्चों को आंगनबाड़ी कार्यकत्री एवं आशा की सहायता से पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती कराएं। ग्राम प्रधानों का आह्वान करते हुए कहा कि आप ग्राम पंचायत के प्रथम नागरिक हैं, जिसके कारण जनता की ढेर सारी अपेक्षाएं आपसे हैं।

आपकी नैतिक जिम्मेदारी है कि आपके ग्राम पंचायत में कोई भी सैम बच्चा पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती होने से छूट न जाए। आप अपने ग्राम पंचायत में इस कार्यक्रम का नेतृत्व करते हुए इन बच्चों को अपनी उपस्थिति में पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती कराएं। उन्होंने कहा कि ऐसे परिवार जो सैम बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती कराने में सहायोग नहीं करते हैं, उन्हें प्रेरित कर इसके महत्व को समझाकर पोषण पुनर्वास केंद्र पर भेजवाएं।

जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि पोषण पुनर्वास केंद्र पर सैम बच्चे को निशुल्क भर्ती किया जाता है। बच्चे के खाने की व्यवस्था चिकित्सक की सलाह के अनुसार निशुल्क दी जाती है। आवश्यक दवाएं निशुल्क है। भर्ती के दौरान बच्चे की मां को 50 प्रति दिन के अनुसार दैनिक भत्ता दिया जाता है और भोजन भी मिलता है। बच्चे को फालोअप के लिए लाने पर मां को एक दिन का दैनिक 50 रुपये एवं प्रति बच्चे को खाने के लिए अतिरिक्त 40 रुपये दिया जाता है।

जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि इस सराहनीय कार्यक्रम में सभी अपना नेतृत्व प्रदान करते हुए अपने ग्राम पंचायत में सैम बच्चे, जो गंभीर हैं, का उपचार कराने में अपना सहयोग प्रदान करें।

 सावन में घर बैठे मंगवाएं काशी विश्वनाथ का महाप्रसाद, डाक विभाग दे रहा सुविधा
Plastic Waste: जीवन को संकट में डाल रहा खत्म न होने वाला कचरा, गंभीर चिंतन की जरूरत

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button