पूर्वांचल

विवेक श्रीवास्तव और डा. रत्ना गुप्ता को महाकाल की नगरी में मिली शिक्षा मार्तंड की उपाधि

जनपद के तीन शिक्षकों को उज्जैन में किया गया सम्मानित

भदोही (कृष्ण कुमार द्विवेदी).  महाकाल की नगरी उज्जैन में मंगलवार को आयोजित एक दिवसीय मौनतीर्थ हिंदी विद्यापीठ में द्वितीय अंतर्राष्ट्रीय अधिवेशन में जनपद के तीन शिक्षकों को सारस्वत सम्मान प्रदान किया गया। विद्यापीठ की तरफ से शिक्षक विवेक श्रीवास्तव व डा. रत्ना गुप्ता को शिक्षा मार्तंड की उपाधि प्रदान की गई। जबकि शिक्षक अशोक कुमार को शिक्षा शिरोमणि की उपाधि दी गई। कार्यक्रम का शुभारंभ पीठ के पीठाधीश्वर संत डा. सुमन भाई मानस भूषण ने मां सरस्वती की प्रतिमा पर दीप प्रज्ज्वलन कर किया।

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किसी भी समाज के लिए शिक्षा बहुत ही आवश्यक है। जिसमें हमारे भारत में हिंदी का विशेष महत्व है। हिंदी ही हमारी मुख्य भाषा एवं मातृभाषा है। जिसके प्रचार एवं प्रसार के लिए शासन भी लगातार प्रयास कर रहा है। शिक्षा के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान देने के साथ-साथ हिंदी के उत्थान के लिए अनुकरणीय प्रयास करने के लिए ज्ञानपुर ब्लाक के  कंपोजिट विद्यालय भगवास में कार्यरत शिक्षक विवेक कुमार श्रीवास्तव एवं कंपोजिट विद्यालय इब्राहिमपुर में कार्यरत शिक्षिका डा. रत्ना गुप्ता को उक्त समारोह में शिक्षा मार्तंड की उपाधि प्रदान की गई। इसी तरह कंपोजिट विद्यालय सारीपुर में कार्यरत शिक्षक अशोक कुमार गुप्ता को शिक्षा शिरोमणि की उपाधि से नवाजा गया।

मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर में मंगलवार को मौनतीर्थ विद्यापीठ में आयोजित द्वितीय अंतर्राष्ट्रीय अधिवेशन में मुख्य अतिथि के रूप में आईं केंद्रीय गृह मंत्रालय की सहायक निदेशक अंजू गुप्ता, विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ के कुलाधिपति झारखंड निवासी रामजन्म मिश्र व मौनतीर्थ पीठ के  प्रबंधक  अमित पुरोहित ने शिक्षकों को उपाधियां प्रदानकी। कार्यक्रम की संयोजक एवं मौनतीर्थ हिंदी विद्यापीठ प्रभारी चंचल श्रीवास्तव ने सभी से हिंदी साहित्य में लगातार काम करते रहने का आग्रह किया है। कार्यक्रम में देश-विदेश भर से आए शिक्षकों में से 101 शिक्षकों को उपाधि प्रदान की गई, जिसमें से 8 लोग उत्तर प्रदेश से एवं तीन शिक्षक भदोही से रहे।

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