रोम-रोम में बसी हिंदी, भावनाओं को व्यक्त करने का सशक्त माध्यमः सुचिता वर्मा
केशवप्रसाद मिश्र राजकीय महिला महाविद्यालय में मनाया गया हिंदी दिवस
भदोही (कृष्ण कुमार द्विवेदी). केशव प्रसाद मिश्र राजकीय महिला महाविद्यालय औराई में गुरुवार को हिंदी दिवस मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत प्राचार्या प्रो. आकांक्षा त्रिपाठी, वरिष्ठ प्रोफेसर विनोद कुमार मिश्र, प्रोफेसर लक्ष्मी यादव, हिंदी विभागाध्यक्ष डा. सुचिता वर्मा ने संयुक्त रूप से मां वीणापाणि के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलन से किया।
हिंदी दिवस के अवसर पर “वैश्विक परिवेश में हिंदी का महत्व” विषयक भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार अंशु विश्वकर्मा (एमए द्वितीय सेमेस्टर) ने प्राप्त किया, जबकि द्वितीय पुरस्कार पायल तिवारी, तृतीय पुरस्कार गुड़िया प्रजापति और सांत्वना पुरस्कार चांदनी गौतम को मिला।
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हिंदी विभागाध्यक्ष डा. सुचिता वर्मा ने वैश्विक परिवेष में हिंदी के उत्तरोत्तर प्रसार पर विस्तार पूर्वक अपना विचार रखा। उन्होंने कहा कि विश्व में इस तीसरी सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा को और समृद्ध और सशक्त करने की आवश्यकता है। हिंदी आज भी युवाओं को उचित रोजगार प्रदान करने में समर्थ है।
हिंदी दुनिया के 176 विश्वविद्यालयों में एक विषय के रूप में गंभीरता से पढ़ाई जाती है। यह हमारी सिर्फ भाषा ही नहीं बल्कि भावना से जुड़ी हुई है। उन्होंने तकनीकी एजुकेशन में भी हिंदी को बढ़ावा देने की बात पर बल दिया। इस अवसर पर प्रवीण राय, डा. अमरनाथ जैन, विनोद कुमार, डा. प्रज्ञा वर्मा, अनुज कुमार सिंह, डा. श्वेता सिंह व डा. श्वेता त्रिपाठी मौजूद रहीं।
मंच का संचालन हिंदी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डा. कृष्ण कुमार ने किया और धन्यवाद ज्ञापन डा. अरविंद कुमार उपाध्याय (असिस्टेंट प्रोफेसर हिंदी) ने किया। अंत में सभी ने हिंदी को समृद्ध करने का संकल्प लिया।
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