अनफेयर ट्रेड पर इंश्योरेंस कंपनी भरेगी जुर्माना, उपभोक्ता आयोग ने दिया आदेश
भदोही. जिला उपभोक्ता आयोग ने अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस पर अवीवा लाइफ इंश्योरेंस कंपनी पर 17,000 रुपये जुर्माना लगाया है। आदेश दिया कि कंपनी द्वारा उपभोक्ता को अवशेष प्रीमियम की धनराशि रुपया 35,000 और उस धनराशि पर मुकदमा दायर करने की तिथि 14 सितंबर, 2022 से अदायगी तक 12 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज के साथ अदा किया जाए।
उपभोक्ता अदालत ने आदेश का अनुपालन करने के लिए दो माह का समय देते हुए कहा कि यदि विपक्षी बीमा कंपनी के द्वारा उपभोक्ता आयोग के आदेश का अनुपालन नहीं किया जाता तो समस्त धनराशि पर 18% वार्षिक ब्याज अदा करना होगा।
जानकारी के मुताबिक ग्राम मरूई, थाना जखनी, जिला वाराणसी (हाल मुकाम गोपपुर, गोपीगंज, भदोही) निवासी अभिषेक कुमार सिंह पुत्र इंद्रबली सिंह ने 14 सितंबर, 2022 को अवीवा लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड गुड़गांव और संजय मिश्र (तत्कालीन शाखा प्रबंधक, इंडसइंड बैंक, शाखा गोपीगंज) को पक्षकार बनाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी की उन्हें बीमा कंपनी से 89170 धनराशि पर वसूली की तिथि तक 8% वार्षिक ब्याज, 10000 पत्राचार के लिए, 50000 मानसिक कष्ट के लिए और 5000 मुकदमा दाखिल करने के लिए दिलाया जाए।
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परिवादी के अधिवक्ता रविशंकर दुबे का कहना था कि विपक्षी बीमा कंपनी के द्वारा प्रथम प्रीमियम एवं सर्विस टैक्स प्राप्त करने के बाद गलत इंद्राज करने के साथ पॉलिसी जारी की। जिस पर परिवादी ने बैंक के माध्यम से वापस करते हुए उसे शुद्ध करने का अनुरोध किया। इसके बाद भी शुद्ध पालिसी बांड जारी नहीं किया गया। जब वादी ने जमा किए गए प्रीमियम की धनराशि वापस मांगी तो विपक्षी अवीवा लाइफ इंश्योरेंस कंपनी ने परिवादी को केवल जमा धनराशि का 30 प्रतिशत 15000 रुपये वापस किया।
इस प्रकरण में जिला उपभोक्ता आयोग की ओर से विपक्षी पार्टी को जवाबदेही दाखिल करने के लिए नोटिस जारी की गई, लेकिन विपक्षी पार्टी की ओर से न तो कोई उपस्थित हुआ और न ही जवाब दाखिल किया गया। जिला उपभोक्ता आयोग की तीन सदस्यीय पीठ ने परिवादी की शिकायत पर आदेश पारित किया कि परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है।
विपक्षी अवीवा लाइफ इंश्योरेंस कंपनी को आदेश दिया जाता है कि वह इस निर्णय और आदेश की तिथि से दो माह के अंदर परिवादी के अवशेष प्रीमियम की धनराशि 35000 रुपये एवं उस पर मुकदमा दाखिल करने की तिथि 14 सितंबर, 2022 से निर्णय एवं आदेश की तिथि तक 12% वार्षिक साधारण ब्याज अदा करें। इसके अलावा अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस से परिवादी को हुई मानसिक पीड़ा के लिए 10000, पत्राचार व्यय के लिए 5000 और मुकदमा खर्च के लिए 2000 अदा किया जाए।