पूर्वांचल

नकली धर्म गुरुओं से सावधान रहने की जरूरतः संत रामपाल

भदोही. मवैया हरदोपट्टी (ज्ञानपुर) में रविवार को आयोजित संत समागम में संत रामपाल महाराज ने एलईडी के माध्यम से नकली गुरुओं से सावधान रहने की अपील की। संत रामपाल महराज ने कहा, आज तक नकली धर्म गुरुओं ने हमें जो ज्ञान बताया था, वह भक्ति विधि और ईष्ट देव सब कुछ अधूरा था। हम जिन भगवान को इष्ट मान कर पूज रहे थे, वह तो केवल तीन लोक तक की शक्तियां हैं।

उन्होंने कहा, वास्तविक पूर्ण परमात्मा तो अनंत कोटि ब्रह्मांड का रचनाकार है, जिसके विषय में संत गरीब दास महाराज ने अपनी वाणी में कहा कि “जाके अर्ध रोम पर सकल पसारा। ऐसा पूर्ण ब्रह्म हमारा”।।

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उन्होंने कहा कि वेद हमारे प्राचीन ग्रंथ हैं, वेदों में जिस परमात्मा की महिमा गाई है, पूर्ण परमात्मा का वास्तविक नाम कविर्देव है और उपमात्मक नाम सतपुरुष, परम अक्षर ब्रह्म, पूर्ण ब्रह्म आदि हैं। पूर्ण परमात्मा कविर्देव चारों युगों में आए और सृष्टि व वेदों की रचना की। पूर्व भी अनामी (अनामय) लोक में मानव सदृश शरीर में कविर्देव नाम से विद्यमान थे। कविर्देव ने परब्रह्म और ब्रह्म के सर्व लोकों व वेदों की रचना की, इसलिए वेदों में कविर्देव का विवरण है।

आज समाज में पाखंड पूजा और सामाजिक कुरीतियां चरम सीमा पर है। संत रामपाल महाराज शास्त्रों के अनुसार साधना बताते हैं और मोक्ष प्राप्ति के लिए शास्त्रों के अनुसार भक्ति करवाते हैं। उपरोक्त सत्संग कार्यक्रम में सत्येन्द्र दास, हरिनरायन दास, उदयप्रताप दास, भारतेश्वर दास, रामराज दास, हरिश्चंद्र दास, विजय दास, रमाशंकर दास, रिया दासी, तारा दासी, कुसुम दासी आदि मौजूद रहे।

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