बजरंगबली ने जलाई सोने की लंका, समुद्र पर सेतु बांधने में जुटा रामदल
भदोही. कोइरौना के कोनिया तुलसीकला में चल रही ऐतिहासिक रामलीला में सुग्रीव मित्रता, बालि वध और लंका दहन के प्रसंगों का मनमोहक मंचन किया गया। दोहे और चौपाइयों के साथ भव्य लीला का मंचन देखने के लिए लोग रामलीला मैदान में उमड़ रहे हैं। वहीं रामलीला कमेटी तुलसीकला ने 24 अक्टूबर को लगने वाले दशहरे के मेले की तैयारियां भी शुरू कर दी हैं।
मंचन के दौरान श्रीराम और लक्ष्मण सीता की खोज करते हुए जंगल में बढ़ते हैं। वहां सुग्रीव उन्हें देख लेते हैं और हनुमानजी को ब्राह्मण वेष धारण कर श्रीराम के सम्मुख भेजते हैं। इस पर श्रीराम, बजरंगबली को पूरी घटना बताते हैं। इसके बाद हनुमान, सुग्रीव की श्रीराम से मित्रता कराते हैं। इसके पश्चात मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम एक ही बाण से बालि का वध कर देते हैं।
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इसके अलावा रावण दरबार का भी मंचन होता है। लंका में हनुमान के पहुंचने की सूचना पर रावण, मेघनाथ से उन्हें बंदी बनाकर लाने को कहता है। मेघनाथ ने ब्रह्मास्त्र फेंककर हनुमान को बंदी बना लिया और रावण के दरबार में पेश किया। रावण की सभा में हनुमान की पूंछ में आग लगाई गई, जिससे हनुमानजी ने पूरी लंका को क्षणभर में जलाकर राख कर दिया। लंका दहन के साथ ही रामलीला कमेटी कोनिया तुलसीकला ने 24 तारीख को लगने वाले दशहरे के विशाल मेले की तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। रामलीला के मंचन के दौरान कविंद व्यास, गुड्डू, रितेश, गणेश, मधुकर, बच्चा, मुखिया, बबलेश, शिवम ने रामायण की चौपाई गाकर लीला को और ऊंचाई प्रदान की।
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