पूर्वांचल

ओजोन परत धरतीवासियों का सुरक्षा कवचः अनुज कुमार

केशवप्रसाद मिश्र राजकीय महिला महाविद्यालय में ओजोन दिवस पर जागरुकता संगोष्ठी का आयोजन

भदोही (कृष्ण कुमार द्विवेदी). केशव प्रसाद मिश्र राजकीय महिला महाविद्यालय औराई में विश्व ओजोन दिवस के मौके पर जागरुकता संगोष्ठी का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता वनस्पति विज्ञान के असिस्टेंट प्रोफेसर एवं राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी अनुज कुमार सिंह ने विश्व ओजोन दिवस के ऐतिहासिक पृष्ठभूमि एवं इसके महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, 19 दिसंबर 1994 को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा ओजोन परत के संरक्षण के लिए सर्वप्रथम 16 सितंबर को विश्व ओजोन दिवस मनाने की घोषणा की गई। जिसका मुख्य उद्देश्य ओजोन परत को संरक्षित करने एवं लोगों को ओजोन परत के प्रति जागरूक करना था।

संयुक्त राष्ट्र और 45 अन्य देशों ने ओजोन परत को समाप्त करने वाले पदार्थों पर आधारित मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल पर 16 सितंबर 1987 को हस्ताक्षर किए थे और इसी के बाद पहली बार 16 सितंबर 1995 को विश्व ओजोन दिवस मनाया गया। इस वर्ष 2022 की थीम ‘‘पृथ्वी पर जीवन की रक्षा करने वाला वैश्विक सहयोग’’ है। उन्होंने बताया कि ओजोन गैस का अविष्कार ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के प्रोफेसर गार्डन ने किया था।

यह भी पढ़ेंः त्योहारों पर मेलजोल बढ़ाएं, वैमनस्यता नहीः एसडीएम

बताया, ऑक्सीजन के तीनों अणु को मिलाकर ओजोन का निर्माण होता है। यह हल्के नीले रंग की गैस होती है। ओजोन की परत धरती से 10 किलोमीटर की ऊंचाई पर शुरू हो जाती है और 50 किलोमीटर तक मौजूद रहती है। यह सूर्य की किरणों की पराबैंगनी किरणों से धरती को सुरक्षित करती है। यह मनुष्यों में विशेषकर त्वचा कैंसर पैदा करने वाली सूरज की पराबैंगनी किरणों को रोकने में मदद करती है। ओजोन परत की सुरक्षा के उपायों में हमें वाहनों में हानिकारक गैसों के उत्सर्जन रोकने की तकनीक विकसित करनी चाहिए। ज्यादा से ज्यादा पौधरोपण करना चाहिए, जिससे पौधे अधिक मात्रा में आक्सीजन उत्पन्न करें और ओजोन अधिक मात्रा में बने।

हमें प्लास्टिक, टायर, रबर आदि नहीं जलाना चाहिए। उर्वरकों का अधिक उपयोग नहीं करना चाहिए। इस दौरान महाविद्यालय के प्राचार्य डा.  बृजकिशोर त्रिपाठी ने सभी छात्राओं को शुभकामनाएं दीं एवं ओजोन की उपयोगिता एवं ओजोन क्षरण को रोकने के उपायों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि हमें अपनी जीवनशैली ऐसी रखनी चाहिए, जिससे कम से कम प्रदूषण उत्पन्न हो। कार्यक्रम में तमाम शिक्षक और छात्राएं मौजूद रहीं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button