आत्मनिर्भर भारत के लिए कौशल विकास को दें बढ़ावा
तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी में आत्मनिर्भर भारत के विभिन्न आयाम, आवश्यकताएं, चुनौतियां एवं समाधान पर दो दिनी राष्ट्रीय संगोष्ठी एवं शोध पत्र वाचन का शुभारंभ
मुरादाबाद (the live ink desk). तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के शिक्षा संकाय की ओर से आत्मनिर्भर भारत के विभिन्न आयाम, आवश्यकताएं, चुनौतियां एवं समाधान पर दो दिनी राष्ट्रीय संगोष्ठी एवं शोध पत्र वाचन का शुभारंभ प्रो. रघुवीर सिंह ने बतौर मुख्य अतिथि किया। जबकि रजिस्ट्रार डॉ आदित्य शर्मा की बतौर विशिष्ट अतिथि मौजूदगी रही। संगोष्ठी की अध्यक्षता डीन स्टुडेंट्स वेलफेयर प्रो. एमपी सिंह नेकी।
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सेमिनार के दूसरे दिन यानी आज लॉ कॉलेज के डीन प्रो. हरबंश दीक्षित मुख्य अतिथि होंगे, जबकि एसोसिएट डीन प्रो. मंजुला जैन होंगी। दूसरे दिन सेमिनार अपरान्ह तीन बजे से होगा। यह राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन पवेलियन के सामने टिमिट बीटीसी कॉलेज में हो रहा है। चार तकनीकी सत्रों में से दो सत्र 21 सितंबर को हुए, जिनमें तकनीकी सत्र में ऑनलाइन मोड पर 75 बुद्धिजीवियों ने अपना शोधपत्र पढ़े। स्वागत भाषण शिक्षा संकाय की प्राचार्य डॉ. रश्मि मेहरोत्रा ने दिया। संचालन ईशा और अंशिका ने किया।
संगोष्ठी में विभिन्न विश्वविद्यालयों से आए बुद्धिजीवियों ने अपने शोध पत्र पढ़े, जिनमें प्रमुख रुप से जेएस विश्वविद्यालय, शिकोहाबाद के एसोसिएट प्रो. डॉक्टर संतोष कुमार यादव और एमएड की छात्रा सना रऊफ ने शोधपत्र प्रस्तुत किया।
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मुख्य अतिथि एवम् मुख्य वक्ता बोले, आत्मनिर्भर भारत अभियान आत्मनिर्भरता के विचार की ओर उन्मुख एक आर्थिक, वाणिज्यिक एवं शैक्षिक संरचना है। इसका उद्देश्य भारत को आत्मनिर्भर बनाना है, ताकि कोविड-19 महामारी के दौरान कमजोर हुई अर्थव्यवस्था को सभी नागरिकों के समर्थन से फिर से बढ़ाया जा सके। भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए यह अत्यंत आवश्यक है कि ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे-छोटे कुटीर उद्योगों से जुड़े लोगों में रोजगार से संबंधित स्किल्स डवलपमेंट किया जाए। यह भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। हमें विशेष रूप से विद्यार्थियों के पाठ्यक्रम में सम्मिलित पेडगॉजिकल विषयों के तहत ऐसे तत्वों का समावेश किया जाए, जो उनके व्यावसायिक कौशलों के विकास में सहायक हों। संगोष्ठी डॉ. नम्रता जैन, डॉ. रत्नेश जैन, पायल शर्मा, डॉ. अशोक लखेरा, शाजिया सुल्तान, डॉ. विनोद जैन आदि मौजूद रहे।