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जल्द लागू होगी नई टोल व्यवस्था, बिना रुके 80 की स्पीड से गुजरेंगे वाहन: गडकरी

The live ink desk. केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को संसद में जानकारी दी कि वर्ष 2026 के अंत तक देशभर के राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल भुगतान की नई प्रणाली मल्टी-लेन फ्री फ्लो (एमएलएफएफ) लागू कर दी जाएगी। इसके बाद टोल प्लाजा पर वाहनों को रुकने की जरूरत नहीं होगी और वाहन 80 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से सीधे गुजर सकेंगे।

राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान झारखंड से भाजपा सांसद आदित्य प्रसाद के सवाल का जवाब देते हुए गडकरी ने बताया कि एमएलएफएफ प्रणाली पूरी तरह स्वचालित होगी। इसमें टोल नाकों पर कर्मचारियों की आवश्यकता नहीं रहेगी। कैमरों के माध्यम से वाहन नंबर की पहचान की जाएगी, उपग्रह तकनीक से डेटा केंद्रीकृत प्रणाली तक पहुंचेगा और संबंधित बैंक खाते से टोल राशि स्वतः कट जाएगी। इससे ईंधन की बचत होगी और यातायात अधिक सुगम बनेगा।

मंत्री ने कहा कि इस नई व्यवस्था से करीब 1,500 करोड़ रुपये के ईंधन की बचत होने का अनुमान है, जबकि राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की आय में कम से कम 6,000 करोड़ रुपये की वृद्धि होगी। उन्होंने बताया कि कुछ स्थानों पर यह प्रणाली पहले ही लागू की जा चुकी है। अब तक 10 ठेके आवंटित किए जा चुके हैं, जबकि 10 अन्य ठेकों की प्रक्रिया जारी है। अगले वर्ष के अंत तक इसे पूरे देश में लागू कर दिया जाएगा।

एक पूरक प्रश्न के उत्तर में गडकरी ने यमुना एक्सप्रेस-वे पर हाल में हुई दुर्घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि हादसे के एक घंटे बाद एम्बुलेंस का पहुंचना बेहद चिंताजनक है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार राज्यों को 100 से 150 अत्याधुनिक एम्बुलेंस उपलब्ध कराने की योजना पर काम कर रही है। इनका संचालन राज्य सरकारें करेंगी और शर्त यह होगी कि दुर्घटना के 10 मिनट के भीतर एम्बुलेंस मौके पर पहुंचे।

सड़क सुरक्षा पर चिंता जताते हुए मंत्री ने कहा कि देश में हर साल करीब पांच लाख सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, जिनमें लगभग 1.80 लाख लोगों की जान जाती है। इनमें 18 से 34 वर्ष आयु वर्ग के युवाओं की हिस्सेदारी करीब 66 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि सड़क और ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग में सुधार और कानून सख्त किए जाने के बावजूद वाहन चलाते समय मोबाइल का उपयोग, हेलमेट न पहनना और लेन नियमों का उल्लंघन जैसी मानवीय लापरवाहियां बड़ी चुनौती बनी हुई हैं।

गडकरी ने बताया कि समय पर इलाज न मिलने से करीब 50 हजार मौतें होती हैं। इसे देखते हुए सरकार ने दो अहम योजनाएं शुरू की हैं। पहली योजना के तहत घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाने वाले को ‘राहवीर’ घोषित कर 25 हजार रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा। दूसरी योजना में दुर्घटना के घायल को जिस अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा, वहां कम से कम सात दिन तक डेढ़ लाख रुपये तक का इलाज खर्च एनएचएआई फंड से वहन किया जाएगा।

उन्होंने यह भी बताया कि राज्यों को एम्बुलेंस सेवाओं के लिए अलग-अलग आपातकालीन नंबरों के बजाय एकल आपातकालीन नंबर व्यवस्था लागू करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि सड़क दुर्घटनाओं के मामलों में त्वरित और प्रभावी सहायता सुनिश्चित की जा सके।

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