पूर्वांचल

श्रीहरि भक्ति भाव के प्यासेः हरिहरानंद महाराज

शिवशक्ति महायज्ञ के अंतिम दिन महाराज ने भगवान और भक्त के बीच प्रेम का किया वर्णन

कोइरौना/भदोही (संजय मिश्र). डीघ ब्लाक के पंचवटी धाम नगरदह (बेरवां, पहाड़पुर) में 25 सितंबर से चल रहे शिवशक्ति महायज्ञ एवं कथा के अंतिम दिन मंगलवार को व्यासपीठ से पीठाधीश्वर जगतगुरू स्वामी हरिहरानंद महाराज ने भगवान और भक्त की भक्ति की कथा सुनाई।

रामकथा में बोलते हुए प्रयाग पीठाधीश्वर जगद्गुरु स्वामी हरिहरानंद महाराज ने कहा, भक्ति भाव से भगवान को सहज ही प्राप्त किया जा सकता है। महाराज ने कहा, जब गज को जल में ग्राह ने पकड़ा तो भगवान को दौड़कर आना पड़ा था। यह भक्त और भगवान के बीच का भाव है। महाराज ने कथा को विस्तार देते हुए कहा कि राम को कैकेई ने वनवास नहीं दिया, जिसके प्रमाण श्रीराम चरित मानस में तीन स्थानों पर मिले हैं। पहला श्रीराम ने स्वयं कहा, पिता दीन्ह मोहि कानन राजू, दूसरा भगवान शिव ने कहा है और तीसरा प्रयागराज में भारद्वाज मुनि ने कहा है, कैकेई को महाराज ने असाधारण महिला की संज्ञा दी है।

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उपस्थित श्रोताओं को महाराज ने नित्य रामनाम का जाप अपने सुविधानुसार करने की सीख दी। कथा श्रवण करने वालों में प्रमुख रूप से भाजपा राष्ट्रीय परिषद सदस्य एवं पूर्व सांसद भदोही पं.गोरखनाथ पांडेय, लोलारखनाथ पांडेय, त्रयंबक नाथ, संतोष पांडेय, विक्की ओझा, अखिलेश पांडेय, शिवपूजन पांडेय, किशन, दुर्गेश पांडेय, हरिश्चंद्र पांडेय, तनू, सौम्या, अंजली, श्वेता सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।

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