छह मुख्य संसदीय समितियों के अध्यक्ष पद से विपक्ष बाहर
कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, शिवसेना और सपा को जोरदार झटका, टीएमसी सांसद ने जताई नाराजगी
नई दिल्ली (the live ink desk). मंगलवार को किए गए आमूलचूल फेरबदल में विपक्षी दलों को छह मुख्य संसदीय पैनल में से किसी की भी अध्यक्षता नहीं दी गई है। यहां तक की गृह मामलों और सूचना प्रौद्योगिकी समिति, जिसकी अध्यक्षता कांग्रेस के पास थी, वह भी अब बदल गई है। इसके साथ ही छह मुख्य संसदीय कमेटी गृह, आईटी, रक्षा, विदेश मामले, वित्त और स्वास्थ्य की अध्यक्षता अब भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगी पार्टियों के पास है।
कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी के स्थान पर बीजेपी सांसद और सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी बृजलाल को गृह मामलों की संसदीय स्थाई समिति का अध्यक्ष अध्यक्ष बनाया गया है। कांग्रेस सांसद शशि थरूर, जो अपनी पार्टी के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ रहे हैं, उन्हें सूचना प्रौद्योगिकी के संसदीय पैनल के प्रमुख पद से हटाकर शिवसेना के शिंदे गुट के सांसद प्रतापराव जाधव को यह पद दे दिया गया है।
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इसी तरह टीएमसी यानी तृणमूल कांग्रेस, जिसके पास खाद्य और उपभोक्ता मामलों के संसदीय पैनल की अध्यक्षता थी, उसे इस नए फेरबदल के बाद किसी भी संसदीय समिति की अध्यक्षता नहीं दी गई है। इसके अतिरिक्त समाजवादी पार्टी के सांसद रामगोपाल यादव को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण पर संसदीय स्थाई समिति के अध्यक्ष के पद से हटा दिया गया है।
राज्यसभा में टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा, टीएमसी संसद में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है। देश में दूसरी सबसे विपक्षी बड़ी पार्टी है। इस पार्टी को एक भी अध्यक्ष पद नहीं मिला है। सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी को दो महत्वपूर्ण स्थाई समितियों के अध्यक्ष पद से हटा दिया गया है। यह नये भारत की कड़वी सच्चाई है।
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