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भीषण बाढ़ की चपेट में बांग्लादेश, हिंसा का शिकार हुए मंदिरों ने दी शरण

The live ink desk. शेख हसीना का तख्त पलट करने और हिंदुओं को टारगेट कर हिंसा को अंजाम देने वाले बांग्लादेश के सामने नई मुसीबत खड़ी होगई है। मूसलाधार बरसात के कारण उसके 11 जिले भीषण की चपेट में हैं। गांव के गांव डूब गए हैं।

इस प्राकृतिक आपदा में कुल 44 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली सरकार प्रभावित क्षेत्रों में राहत-बचाव कार्य चला रही है। इससे भी दिलचस्प बात यह है कि प्रभावित लोगों को उसी मंदिरों, देवालयों में शरण मिली है, जिसमें कुछ दिन पहले भीषण रक्तपात, तोड़फोड़, आगजनी की घटनाओं कोअंजाम दिया गया था।

बांग्लादेश में आई प्राकृतिक आपदा से 11 जिले प्रभावित हैं। चट्टोग्राम और कुमिला में गुमती और हल्दा नदियों के तटबंध बह गए। भीषण बाढ़ में 15 लोगों के हताहत होने की भी खबर है।

बांग्लादेश के आपदा प्रबंधन मंत्रालय के सहायक सचिव हसन अली ने कहा है कि कमिला में चार, चट्टोग्राम में चार, फेनी में एक, नोआखाली में एक, ब्राह्मणबारिया में एक, लक्ष्मीपुर में एक और कॉक्स बाजार में तीन लोगों की मौत हो गई।

हालांकि, बरसात रुकने के साथ ही कमिला, ब्राह्मणबारिया, फेनी में बरसात थमने के साथ ही नदियों के जलस्तर में भी गिरावट देखी गई है। सात नदियां अभी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। फेनी में संकट सबसे गंभीर है।

हजारों लोगों को मोबाइल फोन काम नहीं कर रहे। फेनी में 94 प्रतिशत से अधिक मोबाइल टावर खराब हो गए हैं। दूरसंचार के साथ-साथ, बिजली, पानी और आवश्यक खाद्य पदार्थों का भी संकट खड़ा हो गया है।

आपदा प्रबंधन मंत्रालय के सचिव कमरुल हसन ने मीडिया से कहा कि विभिन्न जिलों के 77 उप जिले लगभग जलमग्न हो गए हैं। कुमिल्ला के बुरिचोंग में गुमती नदी पर तटबंध ढह जाने से लगभग पांच लाख लोग फंस गए।

दूसरी तरफ, बाढ़ से प्रभावित लोगों ने क्षेत्रीय देवालयों, मंदिरों में शरण ले रखी है। हजारों लोगों ने इस्कॉन मंदिर समेत अलग-अलग मंदिरों में शरण ले रखी है। इस्कॉन मंदिर की तरफ से सैकड़ों लोगों को रोजाना भोजन दिया जा रहा है। कुछ दिन पहले यही मंदिर कट्टरपंथियों के निशाने पर था।

बीते पांच अगस्त, 2024 को बांग्लादेश के मेहरपुर में स्थित इस्कॉन मंदिर पर हमला हुआ था। इसके पूर्व अक्टूबर, 2021 में बांग्लादेश के नोआखली में एक इस्कॉन मंदिर पर भीड़ ने हमला किया था।

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