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भ्रामक विज्ञापन जारी करने पर शंकर IAS अकादमी पर पांच लाख का जुर्माना

केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने यूपीएससी-2022 के परीक्षा परिणाम पर भ्रामक जानकारी देने पर लगाया जुर्माना

The live ink desk. केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा-2022 के संबंध में भ्रामक विज्ञापन जारी करने केलिए पांच लाख रुपये का जुर्माना ठोंका है। यह जुर्माना शंकर IAS अकादमी पर लगाया गया है। CCPA का नेतृत्व मुख्य आयुक्त निधि खरे और आयुक्त  अनुपम मिश्र करते हैं।

सीसीपीए (CCPA) ने यह जुर्माना उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा करने और यह सुनिश्चित करने के लिए लगाया है कि किसी भी सामान या सेवाओं का कोई गलत या भ्रामक विज्ञापन न किया जाए, जो उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के प्रावधानों का उल्लंघन करता हो।

उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 18 सीसीपीए (CCPA) को यह अधिकार देती है कि वह यह सुनिश्चित करेगी कि किसी भी सामान या सेवाओं के संबंध में कोई गलत या भ्रामक विज्ञापन न किया जाए, जो इस अधिनियम के प्रावधानों या इसके तहत बनाए गए नियमों या विनियमों का उल्लंघन करता हो।

शंकर आईएएस अकादमी (Shankar IAS Academy) ने अपने विज्ञापन में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2022 के संबंध में फर्जी विज्ञापन जारी करते हुए फर्जी उम्मीदवारों का चयन दिखाया था।

जांच में सीसीपीए को पता चला कि शंकर आईएएस अकादमी (Shankar IAS Academy) ने विभिन्न प्रकार के पाठ्यक्रमों का विज्ञापन किया था, लेकिन उपरोक्त यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा परिणामों में विज्ञापित सफल उम्मीदवारों द्वारा चुने गए पाठ्यक्रम के संबंध में जानकारी जानबूझकर विज्ञापन में छिपाई थी।

नोटिस भेजे जाने पर शंकर आईएएस अकादमी (Shankar IAS Academy) ने अपने जवाब में यूपीएससी सीएसई 2022 में 336 से अधिक चयन के अपने दावे के मुकाबले केवल 333 सफल उम्मीदवारों का विवरण प्रस्तुत किया। दावा किए गए 336 छात्रों में से 221 ने मुफ्त साक्षात्कार मार्गदर्शन कार्यक्रम लिया, 71 ने मेंस टेस्ट सीरीज़ ली, 35 ने प्रीलिम्स टेस्ट सीरीज़ ली, 12 ने सामान्य अध्ययन प्रीलिम्स सह मेंस लिया, चार छात्रों ने कुछ अन्य मुख्य पाठ्यक्रम (वैकल्पिक या जीएस) के साथ प्रीलिम्स टेस्ट सीरीज़ ली।

इस तथ्य का खुलासा Shankar IAS Academy के द्वारा जारी विज्ञापन में नहीं किया गया, जिससे उपभोक्ताओं को धोखा हुआ। सीसीपीए ने पाया कि 18 मामलों में, जहां उम्मीदवारों ने शंकर आईएएस अकादमी से प्रारंभिक पाठ्यक्रम खरीदा था, रसीद पर पाठ्यक्रम की प्रारंभ तिथि 09.10.2022 बताई गई है, लेकिन यूपीएससी सीएसई, 2022 परीक्षा की प्रारंभिक परीक्षा 05.06.2022 को पहले ही आयोजित की जा चुकी थी और परिणाम 22.06.2022 को घोषित किया गया।

इसका मतलब केवल यह हो सकता है कि इन उम्मीदवारों ने अगली यूपीएससी सीएसई प्रारंभिक परीक्षा यानी 2023 के लिए प्रारंभिक पाठ्यक्रम खरीदा है। शंकर आईएएस ने इन उम्मीदवारों को यूपीएससी सीएसई 2022 की कुल चयन सूची में शामिल बताया है।

सीसीपीए की मुख्य आयुक्त निधि खरे ने कहा कि समाचार रिपोर्टों के अनुसार हर साल 10 लाख से अधिक उम्मीदवार यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के लिए आवेदन करते हैं। शंकर आईएएस अकादमी का विज्ञापन उपभोक्ताओं के एक वर्ग यानी यूपीएससी उम्मीदवारों को लक्षित था।

उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 की धारा- 2(28)(iv) जानबूझकर महत्वपूर्ण जानकारी छुपाने के संबंध में भ्रामक विज्ञापन की बात करती है। सफल उम्मीदवारों द्वारा चुने गए पाठ्यक्रम के बारे में जानकारी उपभोक्ताओं के लिए जानना महत्वपूर्ण है ताकि वे यह तय करते समय सही विकल्प चुन सकें कि किस पाठ्यक्रम और कोचिंग संस्थान में पढ़ाई करनी है।

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा परिणाम की घोषणा होते ही कोचिंग संस्थान अखबारों आदि में विज्ञापनों की बौछार कर देते हैं। इन विज्ञापनों में सफल उम्मीदवारों के नाम और तस्वीरें प्रमुखता से दिखाई जाती हैं। सीसीपीए ने भ्रामक विज्ञापन के लिए कई कोचिंग संस्थानों को नोटिस जारी किया है।

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