डिजिटल लेनदेन में भारत टॉप पर, अप्रैल से जुलाई के बीच 81 लाख करोड़ रुपये का हुआ लेनदेन
The live ink desk. सांसद अनुराग सिंह ठाकुर ने यूपीआई से प्रति सेकेंड 3729 ट्रांजेक्शन (लेन-देन) हो रहे हैं। अप्रैल से जुलाई के बीच कुल 81 लाख करोड़ रुपये का लेनदेन किया गया। यह संभव हुआ कैशलेस लेनदेन व फिनटेक को बढ़ावा देने से।
हमीरपुर से सांसद अनुराग ठाकुर ने कहा, नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) को बढ़ावा दिया गया, इस वजह से यह दुनिया का सबसे बड़ा व सुगम माध्यम बन गया। बैंकिंग सेवा आसान हुई। कैश निकालने और कैश देने का भी झंझट खत्म हुआ।
भाजपा सांसद ने कहा कि दुनियाभर में होने वाले डिजिटल लेनदेन के मामले में हमारा भारत शीर्ष पर है। भारत में लगभग 40 फीसदी लेन-देन डिजिटल किया जा रहा है। डिजिटल भुगतान के लिए लोग सबसे ज्यादा यूपीआई का इस्तेमाल कर रहे हैं। भारत सरकार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मर्चेट्स द्वारा यूपीआई क्यूआर कोड के जरिए भुगतान स्वीकार करने और क्रॉस बॉर्डर भुगतान के लिए यूपीआई को अन्य देशों के तेज भुगतान प्रणाली से जोड़ने के लिए प्रयासरत है।
अनुराग ठाकुर ने कहा, मोदी सरकार द्वारा साल 2016 में शुरू की गई यूपीआई (UPI) ने भारत में डिजिटल लेनदेन को आसान बनाया। बैंकिंग सेवाओं को डिजिटल बनाने में भारत ने उल्लेखनीय तरक्की की। आंकड़ों पर गौर करें तो यूपीआई (UPI) से इस वर्ष अप्रैल से जुलाई की अवधि में 81 लाख करोड़ रुपये से अधिक का लेनदेन हुआ है।
इसमें सालाना 37 फीसदी की बढ़त हो रही है। यूपीआई से प्रति सेकेंड 3,729 लेनदेन हो रहे हैं। 2022 में यह आंकड़ा 2,348 लेनदेन (प्रति सेकेंड) था। भारत का विकसित यह प्लेटफार्म आज दुनिया के लिए मॉडल बन रहा हैं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर में कहा,एक समय था, जब डिजिटल लेन-देन का मजाक बनाया जाता था। आज गांव का फल- सब्जी बेचने वाला भी डिजिटल पेमेंट स्वीकार कर रहा है। चाय-पान की दुकान पर भी डिजिटल पेमेंट लिया जा रहा है।
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