एक सदस्यीय राशनकार्ड बनकर तैयार, शकुंतला केपास नहीं है उज्ज्वला गैस कनेक्शन
प्रयागराज (राहुल सिंह). पति की मौत के बाद एकाकी जीवन बिता रही शकुंतला देवी का आखिरकार राशनकार्ड बन गया। खपरैल के जर्जर मकान की फोटो खींची गई। अब उसे एक कमरे का पक्का आवास भी दिया जाएगा। 63 साल की विधवा शकुंतला देवी की बेबसी का समाचार प्रकाशित होने के बाद संबंधित विभागों की सक्रियता देखने लायक है।
विधवा शकुंतला देवी विकास खंड मेजा के ढेरहन की रहने वाली हैं। उनके पति की मौत हो चुकी है। एक बेटा है, लेकिन वह अपने परिवार के साथ अन्यत्र रहता है। शकुंतला देवी ढेरहन गांव में अपने जर्जर कच्चे मकान में रहती हैं। उनके पासपहले राशनकार्ड था, लेकिन बाद उसे रद्द करदिया गया था।
इसके अतिरिक्त उन्हे न तो विधवा पेंशन मिलती है और न ही वृद्धा, जबकि वह दोनों की पात्र हैं। राशन कार्ड, आवास, शौचालय व पेंशन केलिए उन्होंने कोरांव तहसील से लेकर ब्लाक मुख्यालय मेजा तक कई चक्कर लगाए। आय, जाति प्रमाणपत्र बनवाया आवेदन किया, पर लाभ नहीं दिया गया।
शकुंतला देवीकी इस बेबसी को लेकर प्रकाशित समाचार का असर यह हुआ कि ढेरहन गांव कोटेदार प्रमोद सिंह ने शकुंतला के घर पहुंचे और राशनकार्ड बनाने से संबंधित सभी कागजात लिए। इसके अलावा ग्राम पंचायत अधिकारी व रोजगार सेवक ने शकुंतला के घर पहुंचकर उनके जर्जर मकान की फोटो खींची, ताकि शकुंतला को आवास की सुविधा का लाभ दिया जा सके।
सप्लाई इंस्पेक्टर मेजा ने खाद्य एवं रसद विभाग का बना शकुंतला देवी का राशन कार्ड जारी कर दिया है। राशनकार्ड एक सदस्यीय है। मतलब, शकुंतला देवी के अलावा उनके घरमें कोई और न ही है। शकुंतला देवी के पास गैस कनेक्शन भी नहीं है। अर्थात, उन्हे उज्ज्वला योजना का भी लाभ नहीं मिला है।
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