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नकली नोट छापने वाले मदरसे में RSS को आतंकी संगठन बता किया जा रहा था ब्रेनवॉश

प्रयागराज (आलोक गुप्ता). नकली नोट छापकर अर्थव्यवस्था में सेंध लगाने वाले मदरसे (जामिया हबीबिया मस्जिदे आजम मदरसा, अतरसुइया) में बच्चों के मन में हिंदुओं के प्रति जहर का बीज बोया जा रहा था। जांच-पड़ताल के दौरान मदरसे से एक पुस्तक समेत कई अन्य बरामद हुई है, जिसे मदरसे में पढ़ाया जाता था।

यह पुस्तक महाराष्ट्र के पूर्व आईजी रह चुके एसएम मुसरिफ ने लिखी है। इस पुस्तक का टाइटिल है ‘आरएसएस देश का सबसे बड़ा आतंकवादी संगठन’। पूर्व अधिकारी मुसरिफ मुंबई बम धमाके के साथ ब्राह्मणों के ऊपर कई पुस्तकें लिख चुके हैं। पाकिस्तान के डॉन अखबार में भी उनके लेख प्रकाशित होते रहते हैं।

मदरसे से बरामद पुस्तक में आरएसएस को लेकर कई आपत्तिजनक और मनगढंत लिखी गई हैं। मूल पुस्तक उर्दू भाषा में लिखी गई है। हिंदी अनुवाद वाली भी किताब है। यह पुस्तक मदरसे के कार्यवाहक प्रिंसिपल रहे मोहम्मद तफसीरुल आरीफीन के कमरे से मिली है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कार्यवाहक प्रिंसिपल मोहम्मद तफसीरुल आरीफीन के कमरे से और भी कई आपत्तिजनक साहित्य, नफरती बीज बोने वाले चरमपंथी साहित्य बरामद हुए हैं। नकली नोट छापने वाले मदरसे में इस तरह की किताब के मिलने से सुरक्षा एजेंसियां चौकन्ना होगई हैं। प्राथमिक छानबीन में पता चला है कि प्रिंसिपल के द्वारा इन्ही पुस्तकों का प्रयोग बच्चों को पढ़ाने में किया जा रहा था।

इस मदरसे में तालीन लेने वाले छात्र उत्तर प्रदेश के अलावा मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार आदि राज्यों से हैं, जिनके लिए मदरसे में हास्टल का भी इंतजाम है। मदरसा 84 साल पुराना बताया जा रहा है, जो बिना किसी पंजीकरण के चलाया जा रहा था।

गौरतलब है कि इस मदरसे में 28 अगस्त को छापा मारा गया था। उस दौरान स्कैनर, लैपटाप, 1.3 लाख रुपये के नकली नोटों के साथ चारलोगों को गिरफ्तार किया गया था। इसी बरामदगी के बाद पुलिस टीमों ने यहां छापेमारी की और आपत्तिजनक पुस्तकें और साहित्य बरामद हुए।

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