अवधताज़ा खबरराज्य

Ateeq-Asad Case: जिगाना, गिरसान, पी88-वाल्थर और ब्रिटिश बुलडाग से निकली गोलियों से आया भूचाल

लखनऊ/प्रयागराज (आलोक गुप्ता). 13 अप्रैल, 2023 को झांसी (Jhansi) में यूपीएसटीएफ (UPSTF) की टीम से माफिया अतीक अहमद (Mafia Ateeq Ahmed) के बेटे असद (Asad) और शूटर गुलाम (Shooter Ghulam) की मुठभेड़ हुई। दोनों मारे गए। घटनास्थल से पुलिस ने ब्रिटिश बुलडाग (British Bulldog, British Made) और पी88 वाल्थर (P88 Walther, German Made, Semi Automatic Pistol) रिकवर की। ब्रिटिश बुलडाग गुलाम के पास से और पी88 वाल्थर असद के पास मिली। ब्रिटिश बुलडाग का जो वर्जन मिला, वह काफी पुराना है, अब उसका अपग्रेडेड वर्जन आ चुका है। जबकि असद के वाल्थर का काफी एडवांस वर्जन मिला।

यूपीएसटीएफ के साथ हुई इस मुठभेड़ के तीसरे दिन, 15 अप्रैल, 2023 को प्रयागराज (Prayagraj) के काल्विन हास्पिटल (Calvin Hospital) में एक बार फिर विदेशी पिस्तौल ( जिगाना) से गोलियां तड़तड़ाईं। दो दर्जन सुरक्षा कर्मियों और दर्जनभर से अधिक मीडिया कर्मियों के बीच ऐसा लाइव शूटआउट हुआ, जिसे देख लोगों की रूह कांप गई। महज 18 सेकेंड के भीतर दर्जनभर से अधिक गोलियां दागकर हमलावरों ने माफिया अतीक अहमद और उसके भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ को ढेर कर दिया। इसके बाद हमलावरों ने खुद को सरेंडर करते हुए हाथ में लिए हुए असलहों को जमीन पर फेंक दिया।

Zigana Pistol: The Turkish Masterpiece Used To Kill Ateeq Brothers
तुर्किए में बनी गिरसान और जिगाना पिस्टल से माफिया ब्रदर्स पर की गई थी ताबड़तोड़ फायरिंग

यहां से पुलिस टीम ने दो असलहे रिकवर किए, उसमें एक कंट्रीमेड पिस्टल थी, जबकि दो का निर्माण तुर्किये (तुर्की ) में होता है और दोनों भारत में प्रतिबंधित हैं। एक पिस्टल थी गिरसान (Girsan) और दूसरी जिगाना (Zigana Semi-Automatic Pistol)। दोनों  9एमएम (9MM) की पिस्टल हैं और इनका इस्तेमाल पाकिस्तान के साथ कई एशियाई देशों की फोर्स करती है। यूएस कोस्ट गार्ड भी जिगाना पिस्टल का ही इस्तेमाल करते हैं। माफिया ब्रदर्स पर खुलेआम लाइव कैमरे पर गोलियां बरसाने वाले लवलेश तिवारी, शनी सिंह और अरुण मौर्य आपराधिक पृष्ठभूमि के जरूर हैं, लेकिन उनकी हैंसियत इतनी नहीं है कि वह भारत में प्रतिबंधित और लाखों की कीमत वाली पिस्टल अपने पास रखें और उसका इस्तेमाल करें। हालांकि यह असलहे तीनों के पास कहां से आए, यह तो जांच का विषय है और पुलिस अपना काम कर रही है।

यहां, यह भी उल्लेखनीय है कि जिस पिस्टल (जिगाना) की गोलियों ने अतीक ब्रदर्स का अंत किया, उसी पिस्टल का इस्तेमाल पंजाब में सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या में किया गया था। हाल की दो घटनाएं, जिसमें एक झांसी पुलिस मुठभेड़ और दूसरा अतीक ब्रदर्स का मर्डर शामिल है, में विदेशी हथियारों का इस्तेमाल पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के लिए चिंता का विषय है। अब पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों की जांच में यह सबसे अहम मुद्दा है कि आखिर इन हथियारों की सप्लाई कौन और कहां से कर रहा है।

यूपी की पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां अब इस एंगल पर जांच कर रही हैं कि आखिर यह विदेशी असलहे कहां से सप्लाई हो रहे हैं, क्योंकि इनकी बुलेट भी आसानी से नहीं मिलती होगी। इनकी कीमत काफी ज्यादा होती है। इसके अलावा उमेश पाल हत्याकांड में भी अब तक की गई जांच में यह पता चला था कि उसमें भी विदेशी असलहे का ही इस्तेमाल किया गया था। अतीक अहमद के द्वारा पाकिस्तान से असलहे मंगाए जाने की भी चर्चाएं शुरू हुईं, लेकिन अभी तक कोई ठोस जानकारी सामने नहीं आई। फिलहाल, 9एमएम कैलिबर वाली पिस्सट सबसे लोकप्रिय हैं और इसका व्यापक पैमाने पर इस्तेमाल किया जाता है। कई देशों की सेना, सुरक्षा एजेंसियों के साथ-साथ कई शूटआउट में प्रतिबंधित असलहों का मिलना यह बताता है कि यह कितनी मारक और सुरक्षित है। 9एमएम कारतूस वाली हैंडगन का विकास सन 1900 में आस्ट्रियाई डिजाइनर जार्ज लुगर ने किया था।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button