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इंजेक्शन और कैप्सूल नहीं स्लो प्वाइजन सप्लाई कर रहीं फार्मा कंपनियां, 4.7 लाख की दवाएं सीज

वाराणसी (कृष्ण कुमार द्विवेदी). फार्मा कंपनियां लोगों के जीवन से खिलवाड़ करने में कोई कमी नहीं छोड़ रही हैं। मानक के विपरीत साल्ट का मिश्रण कर लोगों को स्लो प्वाइजन दिया जा रहा है। यह दवाएं या तो बहुत देरी से काम कर रही हैं या फिर इतना तेजी से काम करती हैं कि शरीर के अन्य अंग भी जवाब देने लगते हैं। मेडिकल कंपनियों का कॉकस तोड़ने में जुटे ड्रग इंस्पेक्टर एके बंसल ने कई दवाओं का नमूना फेल होने पर गुरुवार को  साईं मेडिकल भेलूपुर, वाराणसी में छापा मारकर 4.7 लाख रुपये की दवाओं को सीज कर दिया है।

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ड्रग इंस्पेक्टर एके बंसल के लिए यह कोई नई बात नहीं है। अपने सेवाकाल में उन्होंने अनगिनत पर नकली दवाओं के रैकेट का भांडा फोड़ा है। औषधि निरीक्षक डा. एके बंसल ने बताया कि उन्होंने जांच के दौरान कुछ दवाओं का नमूना एक अगस्त को जांच के लिए राजकीय जन विश्लेषक प्रयोगशाला लखनऊ भेजा था, जिसकी जांच रिपोर्ट आ  गई है। जांच रिपोर्ट के मुताबिक, जांच के लिए भेजी गई दवाओं में Piperacillin की मात्रा केवल 42.72 फीसद और Tazobactum की मात्रा केवल 47.09 प्रतिशत पाई गई है। इस जांच रिपोर्ट के आधार पर उन्होंने तत्काल मेसर्स- साईं मेडिकल एजेंसी भेलूपुर पर छापा मारा और कुल 960 नकली इंजेक्शन वायल्स बरामद किए, जिनकी बाजारू कीमत 4.7 लाख रुपये है। उक्त दवाओं को सीज करते हुए उन्होंने दवा निर्माता फर्म मेसर्स- क्योरहेल्थ फार्मासियुटिकल्स प्राइवेट लिमिटेड रायपुर, द्योथी, सोलन (हिमाचल प्रदेश) के खिलाफ कार्रवाई के लिए लिखा है।

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इसी तरह एक अन्य फर्म द्वारा निर्मित एंटीबायोटिक्स की जांच का नमूना फेल हुआ है। उक्त दवा की जांच में Cefizime की मात्रा 83 फीसद पाई गई है। इसी क्रम में एक अन्य एंटीबायोटिक्स में Potassium Clavalanate की मात्रा 79.8 फीसद और  Amoxycilline की मात्रा 84.62 प्रतिशत मिली है। यह दवा भी उक्त फर्म ही बनाती है। एके बंसल ने बताया कि उक्त फर्म की अलग-अलग नाम से पांच कंपनियां हैं, जो नकली दवाओं का बड़े पैमाने पर कारोबार करती हैं, इसकी रिपोर्ट शासन को भेजी जा रही है।

औषधि निरीक्षक एके बंसलने बताया कि उन्होंने जनवरी से अब तक कई दवाओं के नमूने एकत्र कर जांच के लिए भेजे थे, जिसमें 35 दवाओं के नमूने नकली (मानक के विपरीत) पाए गए हैं। यह दवाएं सेहत के लिए काफी खतरनाक हैं। इनका सेवन जीवन-मरण का कारण बन सकता है।

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