प्रयागराज (आलोक गुप्ता). भारत की परंपरागत विरासत योग को जन-जन के आरोग्य का माध्यम बनाने और सामंजस्यपूर्ण समाज को बढ़ावा देने की भावना के साथ ‘योग स्वयं एवं समाज के लिए’ की थीम पर मनाए जा रहे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर उच्च न्यायालय परिसर में सामूहिक योगाभ्यास किया गया।
इलाहाबाद हाईकोर्ट परिसर में न्यायाधीशों, उच्च न्यायालय के अधिकारियों, विधि अधिकारियों एवं अधिवक्तागणों के द्वारा पूरे उत्साह के साथ योग के विभिन्न आसनों का अभ्यास किया गया। इस अवसर पर योग के विभिन्न आसनों के साथ-साथ प्राणायाम क्रियाएं की गईं।
योग प्रशिक्षक योगी राजेश ने सर्वप्रथम वार्मअप कराकर योगाभ्यास की शुरुआत की। तत्पश्चात ग्रीवा संचालन, स्कंध संचालन, कटिचालन, पादहस्थासन, अर्द्धचक्रासन, दंडासन, वज्रासन, वक्रासन, ताणासन, वृक्षासन व अन्य आसनों के साथ कपालभाति, नाड़ी शोधन, शीतली प्राणायाम, ध्यान मुद्रा, भ्रामरी आदि प्राणायाम कराया और महत्व, लाभ के बारे में बताते हुए प्रत्येक आसन की विधि व सावधानी से भी अवगत कराया।