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रोगी बना रहे हैं आपके खाने का स्वाद और महक बढ़ाने वाले यह मसाले

खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की जांच में फेल हुए कई कंपनियों के नमूने। अशोक गोल्डी समेत कई अन्य मसालों में मिले कीटनाशक और पेस्टिसाइड्स

The live ink desk. गरम मसाला, सब्जी मसाला, चाट मसाला, सांभर मसाला समेत कई अन्य ऐसे मसाले, जो हमारी रोजमार्रा की जिंदगी में इस्तेमाल होते हैं। हमारा भरोसा इन पर वर्षों से बना हुआ है, लेकिन इन कंपनियों ने न सिर्फ हमारा भरोसा तोड़ा, बल्कि सेहत के साथ भी खिलवाड़ किया।

खाद्य सुरक्षा विभाग की जांच में 23 मसालों में हानिकारक केमिकल, जिसमें कीटनाशक, पेस्टीसाइड पाए गए हैं। विभाग द्वारा इन सभी कंपनियों के खिलाफ एफआईआर करवाई जाएगी। विभाग ने बीते दिनों 16 कंपनियों में रेड मारकर 35 उत्पादों का नमूना जांच केलिए भेजा था, जिसमें 16 नमूने फेल हो गए हैं।

यूपी खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने बताया कि कानपुर में स्थित 16 कंपनियों के 35 प्रोडक्ट के नमूने जांच के लिए भेजे गए थे। जिनमें से 23 की रिपोर्ट सामने आई है। जांच रिपोर्ट के अनुसार कंपनियों के कई प्रोडक्ट खाने योग्य नहीं हैं।

इसमें पेस्टीसाइड और कीटनाशक (इंसेक्टिसाइड) की मात्रा काफी अधिक पाई गई है, साथ ही कीड़े भी मिले हैं। यही कारण है कि एफएसडीए ने मसालों के इन प्रोडक्ट्स की बिक्री पर रोक लगा दी है। 

यूपी खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (FSDA) का कहना है कि कंपनियों (अशोक और गोल्डी) के कई प्रोडक्ट खाने योग्य नहीं हैं। जिसके बाद इन दोनों कंपनियों के कुछ प्रोडक्ट को खाने के लिए अनसेफ बताते हुए उनकी ब्रिक्री पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है। गोल्डी मसाले के ब्रांड एंबेसडर अभिनेता सलमान खान हैं।

गोल्डी, अशोक और भोला के उत्पादों पर रोक

खाद्य सुरक्षा विभाग (FSDA) के मुताबिक टीम ने कानपुर के दादानगर की शुभम गोल्डी मसाला कंपनी से सैंपल लिया था, जिसमें सांभर मसाला, चाट मसाला और गरम मसाला अनसेफ पाया गया है। यह कंपनी गोल्डी ब्रांड के लिए प्रोडक्ट बनाती है। इसी तरह अशोक मसालों की दो कंपनियों के प्रोडक्ट में खामियां मिली हैं।

इनके प्रोडक्ट- धनिया पाउडर, गरम मसाला और मटर पनीर मसाला खाने योग्य नहीं है। इसी तरह भोला मसाले के प्रोडक्ट की बिक्री पर रोक लगाई गई है, साथ ही लोकल लेवल पर बिकने वाली 14 अन्य कंपनियों के प्रोडक्ट में हानिकारक पदार्थ पाए गए हैं। इन कंपनियों के हल्दी पाउडर में भी पेस्टिसाइट्स मिला है।

बांझपन और हार्ट की बीमारियों का खतरा

FSDA के अफसरों की टीम ने मई, 2024 में मसाला कंपनियों पर छापा मारा था, जिसमें 16 कंपनियों के 35 प्रोडक्ट के नमूने जांच के लिए आगरा भेजे गए थे। 16 उत्पादों में खतरनाक कीटनाशक और सात में माइक्रो बैक्टीरिया मिले हैं। पहली बार इतनी बड़ी मात्रा में मसालों में जानलेवा बैक्टीरिया पाए गए हैं, साथ ही कार्बेंडाजिम भी मिला है, जिसका इस्तेमाल फफूंदी नियंत्रण के लिए होता है। कार्बेंडाजिम के इस्तेमाल से दिल और गुर्दे पर खतरनाक असर पड़ता है। बांझपन और अन्य प्रजनन समस्याएं हो सकती हैं।

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