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जन कल्याण के लिए अनोखी यात्रा पर भदोही के अरविंद बाबा

लेटकर तय कर रहे भदोही से कड़े मानिकपुर (शीतलन धाम) का सफरसोमवार से शुरू हुआ आस्था से ओतप्रोत सफर

भदोही (संजय सिंह). आस्था में बड़ी शक्ति होती है। यह चाहे किसी इंसान के प्रति हो या फिर भगवान पर। तभी तो जनपद के पूरे मिया, खांवपुर के रहने वाले अरविंद बाबा 150 किलोमीटर लंबे सफर (शीतलन धान, कड़े मानिकपुर, कौशांबी) को लेटकर पूरा करने की यात्रा पर निकल पड़े हैं।

यह सावन का महीना चल रहा है। देशभर में कांवड़ यात्रा का उल्लास है। उत्तर प्रदेश में भी कांवड़ियों कीधूम देखने को मिल रही है। बात चाहे पश्चिम यूपी की हो या फिर मध्य और पूर्वी उत्तर प्रदेश की। हर तरफ कांवड़ियों का रेला देखने को मिल रहा है। स्थानीय शिवालयों में जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं कीभीड़ स्थानीय नदियों से जल भरकर कांवड़ यात्रा कर रहे हैं।

इस यात्रा के भी कईप्रकार होते हैं। पैदल चलना, लगभग दौड़ते हुए (डाक बम) और लेटकर। इस सीजन में कई श्रद्धालु अपने माता-पिता को भी कंधे पर लादकर कांवड़ यात्रा करते दिखे। कांवड़ियों के जत्थे में पुरुषों के साथ महिलाओं और बच्चों की भी आस्था देखते बन रही है। कांवड़ियों की भीड़ में भदोही जनपद के अरविंद बाबा भी अनोखी यात्रा कर रहे हैं।

खानपुर, पूरे मियां के रहने वाले अरविंद बाबा ने बीते सोमवार को अपनी इस यात्रा की शुरुआत की। उन्होंने लेटकर भदोही से कड़े मानिकपुर, कौशांबी तक की यात्रा की मन्नत मांगी है। इस यात्रा में अरविंद बाबा रोजाना तीन किलोमीटर की यात्रा लगभग पांच से छह घंटे में पूरी करते हैं। एक दिन में औसतन पांच-छह किलोमीटर की यात्रा करते हैं और शेष समय खाना बनाने और आराम करने में जाता है। इस तरह अरविंद बाबा का यह सफर सावन माह के अंतिम सप्ताह में पूरा होने की उम्मीद है। कड़े मानिकपुर प्रयागराज मंडल के पौराणिक शक्तिपीठ धाम (शीतला धाम/शीतलन) के रूप में प्रसिद्ध है।

भदोही से शीतलन धाम की दूरी लगभग 150 किलोमीटर के आसपास है। वाहन से इस यात्रा को पूरा करने में तीन से साढ़े तीन घंटे का समय लगता है,  जबकि अरविंद बाबा को लेटकर यही यात्रा पूरी करने में लगभग माहभर का समय लग रहा है। औसतन वह पांच-छह किलोमीटर रोजाना आगे बढ़ रहे हैं।

अरविंद बाबा की मदद केलिए उनके तीन अनुयायी लगे हुए हैं, जो साइकिल पर आवश्यक सामान लेकर बाबा के साथ चल रहे हैं। अरविंद बाबा ने कहा, उनकी यह यात्रा देश और समाज के कल्याण के लिए है। समाज में समरसता का भाव हो। सबका कल्याण हो, यही मेरी कामना है। सावन के महीने में जहां लोग भगवान शिव की आराधना के लिए बनारस जा रहे हैं, वहीं कड़े मानिकपुर कीअनोखी धार्मिक यात्रा के सवाल पर बाबा अरविंद ने कहा, सभी भगवान एक हैं, उन्हे पूजने के लिए सच्ची श्रद्धा और आस्था होनी चाहिए।

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