Malaysia: छात्र राजनीति से राजनीतिक सफर शुरू करने वाले अनवार इब्राहिम बनें 10वें प्रधानमंत्री
नई दिल्ली (the live ink desk). मलेशिया (Malaysia) में हुए आम चुनाव और एक लंबे गतिरोध के बाद कद्दावर विपक्षी नेता (Strong opposition leader) अनवार इब्राहिम (leader Anwar Ibrahim) ने प्रधानमंत्री (Prime Minister) पद की शपथ ले ली है। अनवार इब्राहिम को मलेशिया के राजा यानी सुल्तान अब्दुल्ला ने नियुक्त किया है। इस चुनाव में अनवार इब्राहिम और पूर्व प्रधानमंत्री मुहीदीन यासीन, दोनों ही नेता सरकार बनाने के लिए स्पष्ट बहुमत हासिल नहीं कर पाए थे।
मालूम हो कि यह अभी स्पष्ट नहीं है कि अनवार इब्राहिम, किसके साथ गठबंधन करेंगे। पैलेस की तरफ से जारी किए गए बयान में कहा गया है कि मलय शासकों की बातों को ध्यान में रखते हुए महामहिम सुल्तान ने अनवार इब्राहिम को मलेशिया के 10वें प्रधानमंत्री (10th Prime Minister)के रूप में नियुक्त करने की अनुशंसा दे दी है।
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मालूम हो कि अनवार इब्राहिम को दोपहर बाद सुल्तान ने शपथ दिलाई। अनवार इब्राहिम की पकातन हरपन पार्टी ने मलेशिया के चुनाव में सबसे ज्यादा सीट जीती थी, लेकिन यह सीट सरकार बनाने के लिए पर्याप्त नहीं थी, फिलहाल नेताओं के निजी और वैचारिक मतभेदों के चलते इब्राहिम बहुमत हासिल नहीं कर पाए और इन सब कवायद के बीच अंत में यह जिम्मेदारी मलेशिया के संवैधानिक सम्राट यानी सुल्तान अब्दुल्ला को दे दी गई। फिलहाल यह अभी स्पष्ट नहीं है कि नई सरकार का रूप कैसा होगा, वह किसके साथ गठबंधन करेगी या फिर कौन सी पार्टी उन्हें अपना समर्थन देंगी। अभी कुछ भी साफ नहीं है।
उल्लेखनीय है कि मलेशिया के 10वें प्रधानमंत्री बनने जा रहे अनवार इब्राहिम ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत छात्र नेता के रूप में की थी। मलेशिया के सुधारवादी प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद का इब्राहिम को उत्तराधिकारी भी माना जाता रहा है। मालूम हो कि 1998 में जब पूर्व प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद सत्ता से हटे उसी समय अनवार इब्राहिम को भी सत्ता से हटा दिया गया। 1998 में ही अनवार इब्राहिम पर समलैंगिकता और भ्रष्टाचार जैसे अन्य आरोपों के चलते मुकदमा चलाया गया और सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत ने इब्राहिम को 6 साल जेल की सजा सुनाई। इन सबके बीच भी अपनी जबरदस्त लोकप्रियता के कारण अनवार इब्राहिम अपने राजनीतिक जीवन में शुरू से ही एक सफल राजनेता के रूप में जाने-पहचाने गए।
इब्राहिम ने देश के बिखरे हुए अल्पसंख्यकों की पार्टियों को एकत्रित करके एक छत के नीचे ला कर उसकी अगुवाई की और देश की राजनीति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का फैसला किया। कुल मिलाकर मलेशिया में हुए आम चुनाव में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत न मिलने के बावजूद भी अनवार इब्राहिम सबसे ज्यादा सीटें लेकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरकर सामने आए थे, जिसके फल स्वरुप मलेशिया के राजा ने अनवार इब्राहिम को देश के नए प्रधानमंत्री के रूप में शपथ दिलाई और अब 25 सालों के लंबे इंतजार के बाद इब्राहिम को मलेशिया की बागडोर संभालने का मौका मिल ही गया।