राज्य

इलाहाबादी ठंड के लिए थोड़ा और करिए इंतजार, रबी की फसलों के लिए अमृतकाल

प्रयागराज/प्रतापगढ़ (the live ink desk). आधा दिसंबर बीत चुका है। रात को छोड़ दें तो दिन के वक्त गर्म कपड़े पहनना भारी पड़ रहा है। तेज धूप के पछुवा हवाओं के कारण मौसम फागुन (फाल्गुन मास) के आने का आभास करा रहा है। चूंकि, मौसम दिन-प्रतिदिन करवट लेता है, इसलिए कोई भी पूर्वानुमान सटीक नहीं बैठता। फिर भी, इलाहाबादियों को ठंड के लिए अभी सप्ताहभर का इंतजार करना पड़ सकता है।

पहाड़ों पर रुक-रुककर हो रही बर्फबारी से मौसम में नमी है। पछुवा हवाओं संग सर्दी भी आ रही है, लेकिन अभी वह माहौल नहीं बन पाया है, जिसकी वजह से उत्तर भारत के मैदानी इलाकों (विशेषकर अवध और पूर्वांचल) में कड़ाके वाली ठंड ने दस्तक नहीं दी है।

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रो. और मौसम विशेषज्ञ डा. एआर सिद्दीकी ने बताया कि दिन में तेज धूप के बीच सर्द हवाएं पछुवा विक्षोभ के कारण ठंडक का एहसास करा रही हैं। इस तरह का मौसम अगले चार-पांच दिनों तक बना रहेगा। इलाहाबाद में कड़ाके की ठंड वाला मौसम क्रिसमस तक बनने की उम्मीद है। प्रोफेसर एआर सिद्दीकी ने बताया कि हिमालय, हिमांचल प्रदेश, कश्मीर में रुक-रुककर हो रही बर्फबारी से मैदानी इलाकों में ठंड आ जरूर रही है, लेकिन कड़ाके वाली ठंड के लिए अभी कुछ दिनों का इंतजार करना पड़ेगा।

यह भी पढ़ेंः माफिया विजय मिश्र ने रींवा में बेटे के नाम खरीदी थी 10 करोड़ जमीन, प्रशासन ने किया कुर्क

यह भी पढ़ेंः निकाय चुनावः चयन समिति लेगी मेयर पद के दावेदारों का साक्षात्कार

यह भी पढ़ेंः अवध जहां धान की खेती नहीं होती, वहां क्रय केंद्र खोल दियाः केके मिश्र

यह भी पढ़ेंः Tawang Clash: व्हाइट हाउस और पेंटागन ने कहा- एलएसी पर बारीकी से नजर ऱख रहा अमेरिका

मौजूदा समय में बना मौसम रबी की सभी फसलों के काफी अच्छा है। कृषि विज्ञान केंद्र के प्राचार्य डा. अखिलेश श्रीवास्तव ने बताया कि इस दफा धान की कटाई में देरी हुई है। इस वजह से गेहूं की बुवाई में किसानों को नमी के लिए पलेवा का इंतजाम नहीं करना पड़ा। फसलों के जमाव के लिए तापमान भी बेहतरीन था। रबी की प्रमुख फसल गेहूं के लिए 20 डिग्री सेल्सियस से लेकर 25 तक का तापमान उत्तम माना जाता है।

प्राचार्य डा. अखिलेश श्रीवास्तव ने बताया कि बीते रविवार और सोमवार को तापमान में थोड़ा उतार-चढ़ाव देखने को मिला, लेकिन मंगलवार को तापमान फिर से नीचे उतर आया। इस तरह का मौसम फलों के राजा आम, गेहूं, चना, मटर, सरसो और आलू के लिए काफी मुफीद है। रात में सर्दी और दिन में खुली धूप से फसलों का विकास अच्छी तरह से होगा और इसका असर आनेवाले समय में उत्पादन पर भी देखने को मिलेगा।

डा. अखिलेश श्रीवास्तव ने उन सभी किसानों को गेहूं की फसल में पानी लगाने सलाह दी है, जिन्होंने गेहूं की बुवाई लगभग तीन सप्ताह पहले की थी। अभी पानी लगा देने से गेहूं की फसल को काफी लाभ होगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button