30 सितंबर तक विक्रेताओं के यहां करवाया जाएगा भौतिक सत्यापन, गुणवत्ता की होगी परख
प्रयागराज (आलोक गुप्ता). उर्वरक की उपलब्धता बनाए रखने के लिए एक बड़ी खेप जनपद के फुटकर विक्रेताओं तक पहुंचा दी गई है और अब इनका भौतिक सत्यापन किया जा रहा है। जिला कृषि अधिकारी केके सिंह ने बताया कि उर्वरक की जमाखोरी और कालाबाजारी की शिकायत पर जनपदीय टीम लगातार सक्रिय है।
उन्होंने बताया कि 26 सितंबर को फास्फेटिक उर्वरकों की एक खेप (रैक प्वाइंट, नैनी) की जांच की गई और अधिकारियों की निगरानी में इसे फुटकर विक्रेताओं तक पहुंचवाया गया। उर्वरकों से लोड ट्रकों की जexच की गई और इनवाइस का निरीक्षण किया गया।
इसके बाद जिन फुटकर विक्रेताओं को आपूर्ति की गई है, उनको चिह्नित करते हुए क्षेत्रीय कर्मचारियों से उनके प्रतिष्ठान का भौतिक सत्यापन करवाया जा रहा है। अंतरराज्यीय सीमाओं के निकटवर्ती विकास खंडों में कृषि, राजस्व एवं पुलिस विभाग के अधिकारियों की संयुक्त टीमों द्वारा औचक निरीक्षण किया जा रहा है।
अंतरराज्यीयसीमा के निकटवर्ती उर्वरक प्रतिष्ठानों पर क्षेत्रीय कर्मचारियों के माध्यम से औचक निरीक्षण कराकर पीओएस मशीन में प्रदर्शित स्टाक के सापेक्ष उपलब्ध भौतिक स्टाक का सत्यापन कराया जा रहा है। जिलाधिकारी के निर्देश पर यह अभियान 30 सितंबर तक चलेगा।
जिला मुख्यालय पर कंट्रोल रूम स्थापित
जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि उर्वरक की कालाबाजारी, अवैध भंडारण को रोकने के लिए कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। इसका मोबाइल नंबर 7839882319 है। किसान भाई अपने समस्या के साथ यहां संपर्क कर सकते हैं।
बताया कि जांच के दौरान उर्वरक का नमूना भी लिया जा रहा है, उका लैब में परीक्षण करवाया जा रहा है, ताकि यह पता चल सके कि किसानों को नकली खाद तो नहीं बेची जा रहीहै। थोक विक्रेताओं को निर्देशित किया गया है कि किसानों को उनकी खतौनी के आधार पर उर्वरक दिया जाए।