2.5 क्लेम और सात हजार अन्य मद में भुगतान का आदेश
भदोही (संजय सिंह). जिला उपभोक्ता आयोग ने टाटा एआईजी जनरल इंश्योरेंस पर ₹7000 जुर्माना लगाते हुए आदेशित किया कि दो माह के अंदर बीमा कृत दुकान में चोरी का बीमा क्लेम 2,50,000 रुपये अदा करे।
जिला उपभोक्ता आयोग के रीडर स्वतंत्र रावत ने बताया कि ग्राम नेवादा पोस्ट शरबत खानी के आनंद कुमार पांडेय पुत्र हौसला पांडेय की ओर से सात नवंबर, 2019 में टाटा एआईजी जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड सिगरा, वाराणसी और बैंक ऑफ़ बड़ौदा शाखा, औराई को पक्षकार बनाते हुए शिकायत दर्ज कराई कि टाटा एआईजी जनरल इंश्योरेंस कंपनी के द्वारा उन्हें बीमाकृत दुकान में चोरी होने के कारण बीमा क्लेम नहीं दिया जा रहा है।
जिस समय चोरी हुई थी, उस दरम्यान दुकान का बीमा वैलिड था और प्रीमियम जमा किया जा रहा था। संक्षेप में परिवादी के अधिवक्ता अखिलेश कुमार दुबे और जयशंकर दुबे ने बताया कि परिवादी की फोटो स्टेट व स्टूडियो की दुकान थी और उसने बैंक ऑफ़ बड़ोदा औराई से लोन लिया था।
इसी स्टाक का बीमा उसके द्वारा टाटा एआईजी जनरल इंश्योरेंस से कराया गया था। तीन जून, 2018 की रात दुकान में चोरी हो गई। जिसमें बैट्री, इनवर्टर, प्रिंटर, दो लैपटाप, दो कैमरा और ₹5000 कैश भी चोरी हो गया। मामले का केस दर्ज करवाया गया। बीमा कंपनी के साथ बैंक मैनेजर को भी सूचित किया गया।
इतना करने के बाद भी विपक्षियों द्वारा न तो मौका मुआयना किया गया और न ही क्लेम दिया गया। जिला उपभोक्ता आयोग की ओर से विपक्षी को नोटिस जारी की गई, जिस पर उनके द्वारा कहा गया कि मामला निरस्त किए जाने योग्य है।
जिला उपभोक्ता आयोग के न्यायाधीश अध्यक्ष संजय कुमार डे, महिला सदस्य दीप्ति श्रीवास्तव और विजय बहादुर सिंह की पीठ ने दोनों पक्षों के विद्वान अधिवक्ताओं की बहस सुनी और आदेश में कहा कि बीमा पॉलिसी के अनुसार परिवादी की दुकान 2,50,000 रुपये बीमा धन के लिए बीमित थी। वारदात के समय दुकान का बीमा था, इसलिए वादी क्लेम पाने का हकदार है।
अदालत ने आदेश दिया कि विपक्षी संख्या एक टाटा एआईजी जनरल इंश्योरेंस कंपनी दो माह के अंदर बीमा धनराशि 2,50,000 रुपये, सेवा में कमी के कारण परिवादी को हुई क्षतिपूर्ति के लिए ₹5000 और मुकदमा खर्च के लिए ₹2000 अदा करें।
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