प्रयागराज (राहुल सिंह). यमुनापार में झोलाछाप डाक्टरों, झोलाछाप अस्पतालों और फर्जी अल्ट्रासाउंड सेंटर्स के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी है। मुख्य चिकित्साधिकारी के निर्देशन में चलाए जा रहे अभियान के दौरान शनिवार (पांच अक्टूबर, 2024) पांच प्रतिष्ठानों को सील किया गया। बताया जाता है कि छापे की सूचना पर पूरे यमुनापार में हड़कंप मचा रहा। ज्यादातर झोलाछाप डाक्टर अपनी दुकान का शटर बंद कर गायब नजर आए।
सीएमओ कार्यालय की तरफ से बताया कि नोडल अधिकारी (पीसीपीएनडीटी), एसीएमओ (पंजीकरण) के साथ स्वास्थ्य विभाग की टीम ने यमुनापार क्षेत्र में सघन चेकिंग अभियान चलाया। इस दौरान मेजा में अल्ट्रासाउंड सेंटर की जांच की गई। सबसे पहले जय मां विंध्यवासिनी अल्ट्रासाउंड सेंटर और परख अल्ट्रासाउंड सेंटर को चेक किया गया।
सीएमओ ने बताया कि छापे की आहट मिलते ही दोनों सेंटर्स के संचालक-चिकित्सक मौके से फरार हो गए। फिलहाल, दोनों को सील कर दिया गया है।इसके बाद जांच टीम ने बीएल मेमोरियल हास्पिटल मेजा खास और यथार्थ अल्ट्रासाउंड सेंटर का निरीक्षण किया, जिसमें अल्ट्रासाउंड सेंटर के डाक्टर के न रहने के कारण उसे भी सील किया गया।
इसी क्रम में लेड़ियारी, कोरांव में स्थित अर्चना हास्पिटल का निरीक्षण किया गया। जहां पर निशा पत्नी रमेश (मंजरी, पंवारी) का सिजेरियन आपरेशन कर प्रसव करवाया गया था, लेकिन निरीक्षण के दौरान कोई डाक्टर नहीं मिला। इस वजह से इसे भी सील कर दिया गया। संबंधित मरीज को सरकारी हास्पिटल में शिफ्ट किया गया।
इसके बाद टीम ने रत्यौरा मोड़ पर स्थित उर्मिला हास्पिटल का मुआयना किया, जहां पर एक महिला मरीज भर्ती मिली, जिसे खून चढ़ाया जा रहा था। उसकी देखरेख के लिए केवल पैरा मेडिकल स्टाफ मौजूद था। डाक्टर की अनुपलब्धता और पंजीकरण न होने के कारण इसे भी सील कर दिया गया।
सीएमओ का कभी नहीं उठता फोन
स्वास्थ्य विभाग के द्वारा शनिवार की गई कार्यवाही के संबंध में सीएमओ को फोन किया गया, लेकिन उनका फोन कंट्रोल रूम को रेफर कर दिया गया। इसके बाद छापा मारने वाली टीम में साथ गए नोडल अधिकारी अरुण कुमार तिवारी को फोन किया गया, लेकिन उन्होंने भी पूरी बात नहींसुनी और फोन काट दिया। एसीएमओ राकेश कुमार पांडेय ने भी फोन उठाया जरूर, लेकिन सम्यक जानकारी देने में आनाकानी की।
One Comment