पूर्वांचलराज्य

दुखों का घर है यह संसार, कोई सुखी नहीः संत रामपाल

महैवा हरदोई में वर्चुअल सत्संग का आयोजन

भदोही (संजय सिंह). औराई क्षेत्र के मवैया हरदोई में रविवार को संत रामपाल महाराज के चारों वेद, भागवत गीता, पुराण,गुरु ग्रंथ साहिब, कुरान शरीफ के सत्संगों का एलईडी स्क्रीन पर प्रसारण किया गया। वर्चुअल सत्संग-प्रवचन में संत रामपाल महाराज ने बताया कि यह लोक दुखों का घर है। इस संसार में कोई सुखी नहीं है। इस संसार में पिता से पहले बेटा खत्म हो जाता है।

पत्नी से पहले पति खत्म हो जाता है।  कहीं-कहीं पूरा परिवार समाप्त हो जाता है और जो लोग बचे हैं, वह अपना जीवन परेशानी में गुजारते हैं। संत रामपाल महाराज ने कहा, समाज में दहेज लेना-देना, नशा, घूसखोरी, प्रेत बाधा  आदि से परेशान होकर समाधान बताने वालों से पूछा जाता है तो उनके द्वारा बताया जाता है कि पाप कर्म भोगना ही पड़ेगा, यह आपके कर्म हैं। आपको ही भोगने पड़ेंगें, जबकि गीता, वेद, पुराण, आदि में लिखा गया है कि पूर्ण गुरु की शरण में जाने के बाद शास्त्र अनुकूल भक्ति के मंत्र जाप से पाप कर्म भी समाप्त हो जाते हैं और साधक के दुख दूर होते हैं।

संत रामपाल महाराज ने कहा, पूर्ण परमात्मा कबीर साहब ही हैं, यह सर्व ग्रंथ प्रमाणित है और कबीर साहब ही तीनों लोकों में प्रवेश करके सबका पालन पोषण करते हैं।

जिला कोऑर्डिनेटर सत्येंद्र दास ने बताया कि दुबई, इंग्लैंड, नेपाल पाकिस्तान, कुवैत, अमेरिका, कतर आदि देशों सहित भारत के सभी राज्यों में संत रामपाल के सत्संग प्रवचन होते हैं और संत रामपाल के करोड़ों अनुयायी दहेज लेनदेन, नशा, चोरी, व्यभिचार, घूसखोरी, जाति-पाति आदि को त्याग कर सुखमय जीवन यापन कर रहे हैं। संत रामपाल महाराज द्वारा लिखित पुस्तक ‘ज्ञान गंगा’ और ‘जीने की राह’ सर्व ग्रंथ प्रमाणित पुस्तके हैं।

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